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टाटा संस को प्राइवेट लिमिटेड बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी

टाटा संस को शेयरधारकों से प्राइवेट लिमिटेड में बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 22 Sep 2017 10:14 AM (IST)Updated: Fri, 22 Sep 2017 10:14 AM (IST)
टाटा संस को प्राइवेट लिमिटेड बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी
टाटा संस को प्राइवेट लिमिटेड बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी

नई दिल्ली (जेएनएन)। करीब 6.82 लाख करोड़ रुपये कारोबार वाले टाटा समूह की प्रमोटर कंपनी टाटा संस को प्राइवेट लिमिटेड के रूप में बदलने के प्रस्ताव को शेयरधारकों से मंजूरी मिल गई। इससे साइरस मिस्त्री के परिवार द्वारा अपनी हिस्सेदारी किसी बाहरी को बेचने की संभावनाएं सीमित होंगी।

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टाटा संस से जुड़े सूत्र ने बताया कि शेयरधारकों की सालाना आम बैठक में रखे गए सभी प्रस्ताव जरूरी बहुमत के साथ पारित हो गए। सालाना आम बैठक में कंपनी के रजिस्ट्रेशन को पब्लिक लिमिटेड कंपनी से बदलकर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाने का प्रस्ताव रखा गया था। मिस्त्री परिवार ने इस पहल को छोटे शेयरधारकों के खिलाफ बताते हुए इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान की बात कही थी। मिस्त्री परिवार की टाटा संस में 18.4 फीसद हिस्सेदारी है। टाटा के ट्रस्टों की हिस्सेदारी 66 फीसद है। अभी यह पता नहीं चला है कि कितने फीसद शेयरधारकों ने पक्ष में और कितने लोगों ने प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया। प्रस्ताव को पारित होने के लिए कम से कम 75 फीसद शेयरधारकों की मंजूरी की जरूरत है।

मिस्त्री को टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए जाने के लगभग एक साल बाद यह कदम उठाया गया है। मिस्त्री को हटाने के बाद जनवरी में एन. चंद्रशेखरन को टाटा संस का चेयरमैन नियुक्त किया गया। पब्लिक लिमिटेड कंपनी के शेयरधारक किसी को भी अपनी हिस्सेदारी बेच सकते हैं लेकिन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के शेयरधारक बाहरी निवेशकों को अपनी हिस्सेदारी नहीं बेच सकते। पिछले हफ्ते कंपनी के प्रवक्ता ने कहा था कि यह कदम कंपनी के हित में उठाया जा रहा है।

मिस्त्री की दो याचिकाएं मंजूर
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने साइरस मिस्त्री की दो कंपनियों की अपील को स्वीकार कर लिया है। कंपनियों ने टाटा संस के खिलाफ उत्पीड़न एवं कुप्रबंधन का मामला दायर करने के लिए शेयरधारिता के नियमों में छूट मांगी थी। नियमानुसार ऐसा मामला दायर करने के लिए याचिकाकर्ता के पास संबद्ध कंपनी में कम से कम 10 फीसद शेयर होना चाहिए।


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