कोरोना महामारी से लड़ने में Tata Sons निभा रही है अहम भूमिका, टास्क फोर्स गठित कर पीडि़तों की कर रही है मदद
टाटा संस ने पीएम केयर्स फंड में 1500 करोड़ रुपये का योगदान किया है। इसके अलावा कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक टास्क फोर्स बनाया है
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना महामारी के प्रकोप के इस दौर में सरकार के अलावा गैर-सरकारी संगठन और तमाम कंपनियां इससे लड़ने में अपना सहयोग दे रही हैं। देश के जानी मानी कंपनी टाटा संस भी इसमें अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। टाटा संस ने पीएम केयर्स फंड में 1,500 करोड़ रुपये का योगदान किया है। इसके अलावा, कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक टास्क फोर्स बनाया है जिसका नेतृत्व बनमाली अग्रवाल कर रहे हैं। बनमाली अग्रवाल टाटा संस में इन्फ्रास्ट्रक्चर, डिफेंस और रक्षा के प्रेसिडेंट हैं।
बनमाली अग्रवाल ने दैनिक जागरण को बताया कि टाटा संस ने 1,400 वेंटिलेटर्स, 9 लाख पीपीई, 45 लाख एन-95 मास्क, 2.8 लाख टेस्टिंग किट्स और 20 लाख रैपिड टेस्ट किट का योगदान किया है। इन पर अतिरिक्त 350 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। उन्होंने बताया कि टाटा केमिकल्स गुजरात और मुंबई में डिसइन्फेक्टेंट की आपूर्ति कर रही है और अब तक 14 लाख लीटर डिसइन्फेक्टेंट वितरित किए गए हैं। अभी तक 35,000 लीटर हैंड सैनिटाइजर्स वितरित किए जा चुके हैं।
टाटा ने विभिन्न जगहों के अपने इंडियन होटल्स के जरिये कोरोना पीडि़तों के इलाज और सेवा में लगे डॉक्टर्स और नर्सों के खाने की व्यवस्था कर रही है। कुछ होटल क्वारंटीन सुविधा के लिए भी इस्तेमाल में लाए जा रहे हैं। अग्रवाल ने बताया कि कंपनी केईएम हॉस्पिटल मुंबई को भी सहायता और आपूर्ति पहुंचा रही है। साथ ही जमशेदपुर स्थित टाटा के हॉस्पिटल के दरवाजे अब बाहरी रोगियों के लिए भी खोल दिए गए हैं।
इसके अलावा, टाटा ने रुद्रप्रयाग, सांगली, बुल्दाना, कासरगौर आदि जगहों पर क्वारंटीन जोन बनाने में मदद की है। अग्रवाल ने बताया कि इन केंद्रों पर आइसोलेशन, क्वारंटीन और देखभाल के लिए कुल मिलाकर 1,100 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था कंपनी की तरफ से की गई है। इसके साथ ही अबतक टाटा ग्रुप ने मेडिकल कर्मचारियों, प्रवासी मजदूरों, दिहाड़ी मजदूरों के बीच 20 लाख खाना और 5 लाख किलो अनाज वितरित कर चुकी है।