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टाटा देश का सर्वश्रेष्ठ ग्लोबल ब्रांड

टेटली, कोरस और जगुआर लैंडरोवर जैसी दुनिया की दिग्गज कंपनियों का अधिग्रहण करने के बाद टाटा समूह की ख्याति हाल के सालों में विदेश में ज्यादा तेजी से फैली है। देश में तो यह पहले से ही मशहूर रही है। उद्योग संगठन एसोचैम के सर्वे में टाटा को देश का सर्वश्रेष्ठ ग्लोबल ब्रांड घोषित किया गया है। समूह को इस स्तर पर लाने का श्रेय

By Edited By: Published: Sun, 23 Dec 2012 08:08 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
टाटा देश का सर्वश्रेष्ठ ग्लोबल ब्रांड

नई दिल्ली। टेटली, कोरस और जगुआर लैंडरोवर जैसी दुनिया की दिग्गज कंपनियों का अधिग्रहण करने के बाद टाटा समूह की ख्याति हाल के सालों में विदेश में ज्यादा तेजी से फैली है। देश में तो यह पहले से ही मशहूर रही है। उद्योग संगठन एसोचैम के सर्वे में टाटा को देश का सर्वश्रेष्ठ ग्लोबल ब्रांड घोषित किया गया है। समूह को इस स्तर पर लाने का श्रेय मौजूदा चेयरमैन रतन टाटा को जाता है। रतन इसी साल 28 दिसंबर को इस पद से रिटायर हो रहे हैं। वैसे, वह समूह के मानद चेयरमैन बने रहेंगे।

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एसोचैम के मुताबिक रतन टाटा ने आदर्श छवि पेश करते हुए 100 अरब डॉलर वाले टाटा समूह को न सिर्फ ग्लोबल स्तर पर पेशेवर रूप दिया, बल्कि इसे भारतीय पारिवारिक उद्योग घराने की छवि से बाहर निकाल कर शुद्ध कॉरपोरेट हाउस की पहचान दिलाई। कारोबार और अन्य मामलों में यह समूह अभी अपने शिखर पर है। सर्वे में शामिल 77 फीसद लोगों ने भरोसा जताया कि रतन टाटा के उत्तराधिकारी साइरस मिस्त्री भी समूह की ख्याति को और बढ़ाएंगे। हालांकि, उनका यह भी कहना है कि मौजूदा ग्लोबल आर्थिक हालातके बीच 80 देशों में फैले समूह के कारोबार की सफलता को बनाए रखना मिस्त्री के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।

एसोचैम अध्यक्ष राजकुमार धूत के मुताबिक जमशेदजी एन टाटा ने वर्ष 1868 में टाटा समूह की कहानी लिखनी शुरू की थी। यह अब देश की सबसे सफल कंपनी में तब्दील हो चुकी है। इस दौरान जेआरडी टाटा ने समूह को ग्लोबल पहचान दिलाने की जो कोशिश शुरू की थी उसे रतन टाटा ने बखूबी अंजाम तक पहुंचाया। उनके नेतृत्व में समूह ने खुद से बड़ी विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण कर नई कारोबारी मिसाल कायम की। बड़े फैसलों के साथ-साथ कंपनी के नैतिक व्यापार के तरीकों की भी हर तरफ तारीफ होती है। विवाद से दूर रहते हुए विश्व स्तर पर व्यापारिक माहौल में खुद को साबित करना एक बड़ी चुनौती है।

कहा जा रहा है कि 21 वर्ष तक चेयरमैन का पद संभालने के बाद 28 दिसंबर को जब टाटा मिस्त्री को कमान सौंपेंगे तो यह हाल के वर्षो की सबसे बड़ी कॉरपोरेट घटना होगी। यह सर्वे घरेलू व विदेशी कंपनियों के शीर्ष 78 सीईओ व कंपनी प्रमुख के बीच करवाया गया है। इसमें न केवल दिल्ली, मुंबई, कोलकाता व हैदराबाद की कंपनियों को शामिल किया गया, बल्कि लंदन, न्यूयॉर्क व सिंगापुर में भी लोगों के विचार लिए गए। कंपनियों के सीईओ व वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा कई उद्योग घराने भी टाटा को मशहूर अंतरराष्ट्रीय ब्रांड मानते हैं। महिंद्रा एंड महिंद्रा और इन्फोसिस को भी इस सर्वे में शीर्ष पर रखा गया है।


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