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Tata Group करेगा ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने वाले 24 कंटेनर का आयात, Oxygen की किल्लत दूर करने में मिलेगी बदद

Tata Group लिक्विड ऑक्सीजन को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए 24 क्राइओगेनिक कंटेनर्स आयात करेगा। समूह इन कंटेनर्स के जरिए देश में ऑक्सीजन की सप्लाई करेगा। इससे देशभर में ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने में थोड़ी मदद मिलेगी।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 10:56 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 07:27 AM (IST)
Tata Group करेगा ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने वाले 24 कंटेनर का आयात, Oxygen की किल्लत दूर करने में मिलेगी बदद
टाटा समूह ने पिछले साल कोरोनावायरस महामारी से निपटने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद भी दी थी।

नई दिल्ली, पीटीआइ। Tata Group लिक्विड ऑक्सीजन को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए 24 क्राइओगेनिक कंटेनर्स आयात करेगा। समूह इन कंटेनर्स के जरिए देश में ऑक्सीजन की सप्लाई करेगा। इससे देशभर में ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने में थोड़ी मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच ऑक्सीजन की बहुत अधिक किल्लत पैदा हो गई है। टाटा समूह ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस बात की जानकारी दी है।  

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Tata Group ने अपने पोस्ट में लिखा है, ''टाटा ग्रुप लिक्विड ऑक्सीजन को ट्रांसपोर्ट करने के लिए 24 क्राइओगेनिक कंटेनर्स का आयात कर रहा है। इससे देश में ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने में मदद मिलेगी।'' 

कोरोना महामारी की दूसरी लहर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन में लोगों की अपील की सराहना करते हुए समूह ने कहा है कि वह कोविड-19 से यथासंभव मुकाबले को लेकर प्रतिबद्ध है।  

उसने कहा है कि ऑक्सीजन संकट में कमी लाने के लिए चार्टर्ड विमान द्वारा क्राइओगेनिक कंटेनरों का आयात हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में ऐसा ही एक प्रयास है।  

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में फार्माश्यूटिकल कंपनियों सहित सभी स्टेकहोल्डर्स को ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत जैसी तात्कालिक चुनौती से एकसाथ मिलकर निपटने का आह्वान किया।  

पिछले साल जब कोरोना महामारी की पहली लहर भारत में आई थी तो समूह ने दक्षिण कोरिया, अमेरिका और चीन जैसे देशों से बड़े पैमाने पर वेंटीलेटर्स, पीपीई किट्स, मास्क और ग्लब्स का आयात किया था।  

समूह ने कोरोनावायरस महामारी से निपटने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद भी दी थी। 

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