मिस्त्री-टाटा विवाद: तीन दिन में टाटा ग्रुप की कंपनियों के 26,000 करोड़ रुपए डूबे
साइरस मिस्त्री और रतन टाटा के बीच जारी विवाद के चलते टाटा ग्रुप्स के स्टॉक्स में गुरुवार को भी गिरावट दिखी।
नई दिल्ली: साइरस मिस्त्री और रतन टाटा के बीच जारी विवाद के चलते टाटा ग्रुप्स के स्टॉक्स में गुरुवार को भी गिरावट दिखी। इस बड़े विवाद के चलते निवेशकों की परेशानी के पीछे सरकार की विफलता बताई जा रही है। साइरस मिस्त्री को उनके पद से हटाए जान के तीन दिन बाद (गुरुवार) तक टाटा ग्रुप की बाजार हिस्सेदारी में 26,000 करोड़ रुपए की चपत चुकी है।
सॉफ्टवेयर बनाने वाली दिग्गज कंपनी सोमवार को रतन टाटा के फैसले के बाद मुश्किल के ही 0.6 फीसदी की गिरावट को काबू में रख पाई है। बीते गुरुवार को टाटा टेलीसर्विस (महाराष्ट्र) के शेयर 10 फीसदी की गिरावट के साथ 6.7 रुपए के स्तर पर पहुंच गए थे। इंडियन होटल्स के शेयर इंट्रा डे में 10 फीसदी की गिरावट के साथ 4.18 फीसदी तक लुढ़ककर 114.65 रुपए के स्तर पर आ गए।
टाटा स्टील ने इंट्रा डे में आई गिरावट में सुधार दिखाया और 0.44 फीसदी की गिरावट के साथ 397 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। यह स्थिति भी तब देखने को मिली जब मुख्य वित्तीय अधिकारी कौशिक चटर्जी ने निवेशकों को आश्वासन दिया कि है कि यह आकार घटाने की अपनी रणनीति पर पाठ्यक्रम रह रही है आश्वासन दिया वो इस घटके आकार के लेकर खास रणनीति पर काम कर रहे हैं।