बीते वित्त वर्ष संदिग्ध लेनदेन की संख्या दोगुनी हुई, सरकारी रिपोर्ट में हुआ खुलासा
एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते वित्त वर्ष के दौरान संदिग्ध लेनदेन की संख्या में इजाफा हुआ है
नई दिल्ली (जेएनएन)। संदिग्ध लेनदेन, फेक करेंसी नोट और सीमापार फंड ट्रांसफर जैसे मामलों की संख्या देश के इकोनॉमिक चैनल में बीते साल दोगुनी हो गई थी। इस वजह से देश में 560 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा हुआ। यह जानकारी एक सरकारी रिपोर्ट के जरिए सामने आई है।
वित्त मंत्रालय के तहत प्रमुख टेक्निकल स्नूप विंग (तकनीकी गुप्तचर शाखा) की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (वित्तीय खुफिया इकाई) की वित्त वर्ष 2015-16 के लिए जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे मामलों की पहचान में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। सभी बैंक और वित्तीय मध्यस्थों ने अपने दायित्व के हिस्से के रूप में इस जानकारी से एफआईयू को अवगत कराया है ताकि देश के मनी लॉन्डरिंग और आतंकवाद विरोधी वित्तीय उपायों को इस्तेमाल में लाया जाए।
हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा गया, “वित्त वर्ष 2015-16 में प्राप्त रिपोर्टों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है, जिसे एफआईयू की ओर से संशोधित और प्रचारित किया गया।” इस रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 2014-15 में नकद लेनदेन रिपोर्ट (सीटीआर) की संख्या 80 लाख से दोगुनी होकर वित्त वर्ष 2015-16 में 1.6 करोड़ हो गई। वहीं इसी अवधि के दौरान संदिग्ध लेनदेन की संख्या (एसटीआर) 58,646 से बढ़कर 1,05,973 हो गई। वहीं नकली मुद्रा रिपोर्ट (सीसीआर) में भी इसी तरह की वृद्धि देखी गई जो कि करीब 16 फीसद रही। साथ ही एनटीआर में 25 फीसद का इजाफा देखने को मिला, जबकि इसी अवधि के दौरान सीमा पार वायर ट्रांसफर रिपोर्ट (सीबीडब्ल्यूटी) की संख्या में 850 फीसद की वृद्धि हुई।