यूरोपीय संघ के साथ एफटीए पर बातचीत संभव: सुरेश प्रभु
भारत और यूरोपीय यूनियन के बीच प्रस्तावित समझौते पर बातचीत की शुरुआत 2007 में हुई थी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार ने संकेत दिया है कि वह यूरोपीय यूनियन (ईयू) के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत फिर से शुरू कर सकती है। केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि सरकार ने इस मुद्दे पर ईयू को आमंत्रित किया है। सरकार एफटीए पर बातचीत के लिए तैयारी कर रही है।
भारत और ईयू के बीच एफटीए पर बातचीत तक चली। लेकिन उसके बाद थम गई। दोनों पक्षों के बीच 16 दौर की बातचीत हुई थी। लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका। पिछले ही वर्ष दोनों देशों के वार्ताकारों ने इस मुद्दे पर विचार किया था और दोनों ही देश इस समझौते पर बाइलिटरल ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट एग्रीमेंट (बीटीआइए) के नाम से शुरू करने पर सहमति जतायी थी। सीआइआइ के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रभु ने कहा कि भारत एक देश के तौर पर अपने सभी परंपरागत मित्र देशों के साथ संबंध बनाये रखने का इच्छुक है। साथ ही नए देशों के साथ भी संबंध बन रहे हैं।
भारत और यूरोपीय यूनियन के बीच प्रस्तावित समझौते पर बातचीत की शुरुआत 2007 में हुई थी। लेकिन बौद्धिक संपदा अधिकार, ऑटोमोबाइल और शराब पर ड्यूटी में कटौती और उदार वीजा नियमों जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सहमति नहीं बन पायी और बातचीत मई में रुक गई। दोनों ही पक्ष इन मुद्दों पर झुकने को तैयार नहीं थे। साल 2015-16 में भारत और ईयू के बीच द्विपक्षीय कारोबार घटकर 88.4 अरब डॉलर का रह गया था। यह इसके पिछले वर्ष में 98.5 अरब डॉलर था।