निजी एयरलाइंस को अपनी चुनौतियों से खुद निपटना होगा: सुरेश प्रभु
विमानन कंपनियों को कच्चे तेल के ऊंचे दाम और कड़ी प्रतिस्पर्धा से जूझना पड़ रहा है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जेट एयरवेज के वित्तीय संकट की खबरों के बीच नागरिक विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने स्पष्ट किया है कि निजी एयरलाइंस को अपनी चुनौतियों से खुद निपटना होगा। ऐसे मामलों में सरकार की भूमिका केवल नीतिगत स्तर पर ही हो सकती है।
केंद्रीय मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि विमानन उद्योग संकट के दौर से गुजर रहा है। विमानन कंपनियों को कच्चे तेल के ऊंचे दाम और कड़ी प्रतिस्पर्धा से जूझना पड़ रहा है। इन परिस्थितियों के चलते कंपनियों के मुनाफे में गिरावट आई है। जेट एयरवेज की मौजूदा स्थिति पर प्रभु ने कहा, ‘हमें उनकी स्थिति की जानकारी नहीं है। जहां तक निजी विमानन कंपनियों का सवाल है, उन्हें अपने मसलों से खुद ही निपटना होगा। मंत्रालय के तौर पर हम केवल नीतिगत पहलू पर गौर कर सकते हैं।’
25 साल से ज्यादा समय से उड़ान सेवाएं दे रही फुल सर्विस एयरलाइन जेट एयरवेज इस समय वित्तीय संकट से जूझ रही है। कंपनी ने नौ अगस्त को जून तिमाही के अनऑडिटेड नतीजों को टाल दिया था। इस संबंध में एयरलाइन के निदेशक मंडल की 27 अगस्त को बैठक होगी। इसमें पिछली तिमाही के नतीजों पर विचार किया जाएगा और उसे मंजूरी दी जाएगी। कथित तौर पर डिसक्लोजर नियमों का पालन नहीं करने को लेकर कंपनी पूंजी बाजार नियामक सेबी के निशाने पर भी है। सूत्रों के मुताबिक, तिमाही नतीजा नहीं जारी करने को लेकर कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने भी कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। तमाम उठापटक के बाद मंगलवार को कंपनी के शेयर करीब तीन फीसद तक गिर गए।