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खाद्य सुरक्षा के मुद्दे का निकले स्थायी समाधान: सुरेश प्रभु

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने खाद्य सुरक्षा के मुद्दे का स्थायी समाधान किए जाने के लिए आवाज उठाई है

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 12 Oct 2017 11:16 AM (IST)Updated: Thu, 12 Oct 2017 11:16 AM (IST)
खाद्य सुरक्षा के मुद्दे का निकले स्थायी समाधान: सुरेश प्रभु
खाद्य सुरक्षा के मुद्दे का निकले स्थायी समाधान: सुरेश प्रभु

नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत ने खाद्य सुरक्षा के मुद्दे का स्थायी समाधान किए जाने के लिए विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) की मराकेश बैठक में पुरजोर आवाज उठाई है। यह मंत्रिस्तरीय बैठक बीते 9-10 अक्टूबर को आयोजित हुई। इसमें भारत की ओर से शिरकत कर रहे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने यह मुद्दा उठाया। भारत समेत तमाम विकासशील देशों के लिए यह मुद्दा अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने विकसित देशों से अपील की कि वे अपने यहां के किसानों को दी जा रही अनाप-शनाप सब्सिडी में कटौती करें।

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मोरक्को के इस शहर में प्रभु ने साफ कहा कि विश्व व्यापार वार्ताओं का कोई नतीजा हासिल तभी होगा, जब खाद्य सुरक्षा के मकसद से अनाजों के सरकारी भंडारण के मुद्दे का स्थायी हल निकाला जाए। भारत के लिए ही नहीं, कई अन्य विकासशील देशों के लिए भी यह बेहद अहम है। अगर इसका कोई बेहतर समाधान निकाल लिया जाता है तो भुखमरी के खात्मे और खाद्य सुरक्षा हासिल करने की दिशा में विश्व समुदाय को तगड़ा संदेश मिलेगा। ऐसा करना संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य के तहत जरूरी है। भारत में 60 करोड़ लोग खेती पर निर्भर हैं। यहां के करीब 98 फीसद किसान अल्प आय और कम जमीनों वाले हैं। वे जीवन निर्वाह के लिए खेती करते हैं। ऐसी परिस्थितियों में भारत के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह व्यापार उदारीकरण को अपने इन किसानों की जरूरतों के साथ संतुलित करे।

प्रभु ने कृषि क्षेत्र में सुधार प्रक्रिया जारी रखने और विकसित व विकासशील देशों के बीच बढ़ती खाई को पाटने का आह्वान किया। अमीर मुल्कों की ओर से डब्ल्यूटीओ की वार्ताओं में नए मुद्दों को लाने पर प्रभु ने सख्त एतराज जताया। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम उन मुद्दों को हल किया जाए जिन पर पहले से ही बातचीत चल रही है।


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