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भारत की विकास दर तेज, फिर भी 60 करोड़ आबादी गरीबी रेखा से नीचे: सुरेश प्रभु

विकसित देश ई-कॉमर्स जैसे नए मुद्दों को वार्ता की मेज पर लाने की तैयारी में हैं

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 12 Dec 2017 10:12 AM (IST)Updated: Tue, 12 Dec 2017 12:10 PM (IST)
भारत की विकास दर तेज, फिर भी 60 करोड़ आबादी गरीबी रेखा से नीचे: सुरेश प्रभु
भारत की विकास दर तेज, फिर भी 60 करोड़ आबादी गरीबी रेखा से नीचे: सुरेश प्रभु

नई दिल्ली (एजेंसी)। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर विकसित और विकासशील देश अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं। इसे देखते हुए दोनों पक्षों के बीच किसी साझा एजेंडे पर सहमति बनने की संभावना कम है। रविवार को यहां 164 सदस्य देशों की चार दिवसीय 11वीं मंत्रिस्तरीय बैठक शुरू हुई। इसमें भारत का प्रतिनिधित्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु कर रहे हैं। प्रभु का जोर सार्वजनिक खाद्यान्न भंडारण सीमा के मुद्दे का स्थायी समाधान निकाले जाने पर है। भारत में खाद्य सुरक्षा के लिहाज से यह मुद्दा बेहद अहम है।

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इस बैठक में विकासशील देश विकसित मुल्कों के उन प्रयासों का खुलकर विरोध करेंगे, जिनके जरिये वे दोहा डेवलपमेंट एजेंडे (डीडीए) को औपचारिक तौर पर एक किनारे रख देना चाहते हैं। विकसित देश ई-कॉमर्स जैसे नए मुद्दों को वार्ता की मेज पर लाने की तैयारी में हैं। प्रभु ने इसके खिलाफ विकसित देशों को चेताया है। उन्होंने कहा कि ये मुद्दे न तो व्यापार से संबंधित हैं और न ही इन पर विस्तार में कोई चर्चा हुई है। उन्होंने अमेरिका के इस रवैये का भी विरोध किया जिसके तहत वह डब्ल्यूटीओ से भारत जैसे विकासशील देशों को मिलने वाली तरजीह को खत्म कराना चाहता है।

प्रभु के मुताबिक भले ही भारत की विकास दर काफी तेज है, फिर भी उसकी 60 करोड़ आबादी गरीबी की रेखा के नीचे गुजर-बसर करती है। मौजूदा विश्व व्यापार नियमों के तहत किसी सदस्य देश का खाद्य सब्सिडी बिल उत्पादन के कुल मूल्य के 10 फीसद से ज्यादा नहीं होना चाहिए। प्रभु ने यहां सार्वजनिक खाद्यान्न भंडारण सीमा और विशेष सुरक्षा उपाय (एसएसएम) जैसे मुद्दों पर समर्थन जुटाने के लिए द्विपक्षीय बैठकों व विचार-विमर्श को तेज कर दिया है। उन्होंने यूरोपीय संघ, दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधियों से मिलने के साथ ही विकासशील देशों के समूह जी-33 की बैठकों में हिस्सा लिया।

मजबूत बने विश्व व्यापार संगठन
बैठक में अमेरिका अलग ही सुर निकाल रहा है। उसका कहना है कि व्यापार वार्ताओं के मामले में विश्व व्यापार संगठन अपना फोकस गंवा रहा है। जबकि चीन और यूरोप ने डब्ल्यूटीओ को मजबूत बनाने पर जोर दिया है। इसकी मजबूती से ही दुनिया में नियम-कानून आधारित बहुपक्षीय व्यापार तंत्र को संरक्षण दिया जा सकता है।

दुनिया में संपन्नता लाने में मददगार बना संगठन
डब्ल्यूटीओ की व्यवस्था ने दुनिया भर में संपन्नता लाने में खासी मदद पहुंचाई है। इसकी वजह से एक ही पीढ़ी में विश्व के करीब एक अरब लोग गरीबी से बाहर आने में सफल रहे हैं। डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक रॉबटरे एजेवेडो ने यह दावा किया है। यह संगठन अब दुनिया के 98 फीसद व्यापार को कवर करता है।


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