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हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अमेजन की अपील सुनने को राजी हुआ सुप्रीम कोर्ट, पांच हफ्ते बाद सुनवाई

फ्यूचर ग्रुप का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि कोर्ट के स्थगन आदेश से सौदा कम से कम छह हफ्ते पिछड़ जाएगा। इस पर कोर्ट का कहना था कि एनसीएलटी इस पर विचार जारी रखे लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं दे।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 07:02 PM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 06:46 AM (IST)
हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अमेजन की अपील सुनने को राजी हुआ सुप्रीम कोर्ट, पांच हफ्ते बाद सुनवाई
भारत का सुप्रीम कोर्ट P C : File Photo

नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट अमेरिकी ऑनलाइन रिटेल दिग्गज अमेजन इंक द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) से भी कहा है कि वह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) व फ्यूचर ग्रुप के सौदे पर अंतिम फैसला नहीं दे। रिलायंस रिटेल और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए सौदे पर दिल्ली हाई कोर्ट की एकल पीठ ने स्थगन आदेश दिया था, जिसे हाई कोर्ट की खंडपीठ ने पलट दिया। खंडपीठ के इसी फैसले के खिलाफ अमेजन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे सुनने को कोर्ट राजी हो गया है।

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फ्यूचर ग्रुप का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि कोर्ट के स्थगन आदेश से सौदा कम से कम छह हफ्ते पिछड़ जाएगा। इस पर कोर्ट का कहना था कि एनसीएलटी इस पर विचार जारी रखे, लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं दे। जस्टिस आरएफ नरीमन और बीआर गवई की खंडपीठ ने अमेजन की याचिका पर फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल), कंपनी के चेयरमैन किशोर बियानी व अन्य पक्षों को तीन हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है। इसके पूरक जवाब उसके अगले दो हफ्तों तक दाखिल करने को कहा गया है।

उल्लेखनीय है कि फ्यूचर ग्रुप ने पिछले वर्ष अगस्त में आरआइएल की शाखा रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) के हाथों 24,713 करोड़ रुपये में बेचने संबंधी सौदा किया था। इस सौदे को अमेजन इंक ने सिंगापुर स्थित आपात न्यायाधिकरण में चुनौती दी। अमेजन ने वर्ष 2019 में फ्यूचर कूपंस लिमिटेड में 49 फीसद हिस्सेदारी खरीदी थी।

फ्यूचर कूपंस लिमिटेड की एफआरएल में सात फीसद से कुछ अधिक हिस्सेदारी है। अमेजन का कहना था कि फ्यूचर कूपंस के साथ उसका सौदा इस शर्त के साथ हुआ था कि उसे सौदे के तीन से 10 वर्षो के बीच फ्यूचर रिटेल में अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने में प्राथमिकता मिलेगी।

सिंगापुर न्यायाधिकरण ने अमेजन के पक्ष को सही ठहराया, जिसके बाद सौदे पर रोक लगाने के लिए अमेजन ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट की एकल पीठ ने इस वर्ष दो फरवरी को सौदे पर रोक लगा दी, जिसके खिलाफ फ्यूचर ग्रुप ने दिल्ली हाई कोर्ट की खंडपीठ में याचिका दायर की। खंडपीठ ने आठ फरवरी को एकल पीठ के फैसले को पलट दिया और फ्यूचर ग्रुप को राहत दी।

खंडपीठ का कहना था कि अमेजन और फ्यूचर कूपंस के बीच हुए सौदे में एफआरएल कोई पक्षकार नहीं थी। लिहाजा, रिलायंस रिटेल और एफआरएल के सौदे में अमेजन दखल नहीं दे सकती है। अमेजन ने दिल्ली हाई कोर्ट की खंडपीठ के इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस बीच, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ), पूंजी बाजार नियामक सेबी व शेयर बाजार रिलायंस व फ्यूचर सौदे को मंजूरी दे चुके हैं।


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