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सावधान! 10% से भी ज्यादा महंगे हो सकते हैं गर्मियों के कपड़े, कॉटन में आई तेजी

Summer Clothes Cotton Price Hike Effect देश में कॉटन के दाम बहुत तेजी से बढ़े हैं जिनका असर मार्च-अप्रैल से गर्मी के कपड़े बिकने पर दिखाई देगा। इस बार गर्मी के कपड़ों की कीमतों में 10 फीसद से अधिक का इजाफा मुमकिन है।

By Lakshya KumarEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 09:00 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 09:55 AM (IST)
सावधान! 10% से भी ज्यादा महंगे हो सकते हैं गर्मियों के कपड़े, कॉटन में आई तेजी
सावधान! 10% से भी ज्यादा महंगे हो सकते हैं गर्मियों के कपड़े, कॉटन में आई तेजी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कॉटन के दाम में भारी तेजी से आने वाले महीनों में कपड़ा खरीदना महंगा हो सकता है। इस वजह से गारमेंट का निर्यात भी प्रभावित हो सकता है। गारमेंट निर्यातकों ने सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की भी मांग की है। गारमेंट उद्योग के मुताबिक, पिछले एक साल से भी कम समय में कॉटन के दाम में भारी इजाफा हुआ है। 335 किलोग्राम वाले एक कैंडी कॉटन की कीमत 37,000 रुपए से बढ़कर 74,000 रुपए के स्तर पर पहुंच गई है।

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कॉटन के दाम में इस प्रकार की जबरदस्त तेजी के लिए कॉटन निर्यात में आई तेजी को जिम्मेदार बताया जा रहा है। गारमेंट निर्माताओं ने बताया कि मार्च-अप्रैल से गर्मी के कपड़े बिकने लगेंगे और उनकी कीमतों में 10 फीसद से अधिक का इजाफा मुमकिन है क्योंकि कॉटन के महंगे होने से यार्न और फैबरिक, सभी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और उसका असर गारमेंट के दाम पर दिखना लाजिमी है।

गारमेंट निर्माताओं ने बताया कि आगामी गर्मी के लिए नए गारमेंट हर हाल में पिछले साल के मुकाबले महंगे होंगे। अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एईपीसी) के पदाधिकारी ललित ठुकराल ने बताया कि भारत, बांग्लादेश, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों को कॉटन का निर्यात कर रहा है। गारमेंट निर्यात के अंतरराष्ट्रीय बाजार में यही देश भारत को सबसे अधिक चुनौती देते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत से सस्ते कपास मिलने की वजह से इनके गारमेंट सस्ते होते हैं और भारतीय निर्यातक इनका मुकाबला नहीं कर पाते हैं। ठुकराल ने बताया कि अधिक कीमत की वजह से भारतीय गारमेंट निर्यातकों के ऑर्डर रद्द हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि निर्यातकों ने सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि गारमेंट एक तैयार उत्पाद है जिसके निर्माण से रोजगार निकलते हैं।


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