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एथनॉल के बावजूद दोगुना हो गया चीनी का उत्पादन, कैरीओवर स्टॉक और उत्पादन बढ़ने की वजह से घट रही कीमतें

देश में सवा सौ चीनी मिलों में सीधे गन्ना रस और चीनी से एथनाल का उत्पादन शुरु होने के बावजूद अक्तूबर-नवंबर के दौरान चीनी का उत्पादन 42.9 लाख टन हो गया है। यह पिछले साल की इसी अवधि के दौरान हुए चीनी के उत्पादन के मुकाबले दोगुना है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 08:37 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 07:50 AM (IST)
एथनॉल के बावजूद दोगुना हो गया चीनी का उत्पादन, कैरीओवर स्टॉक और उत्पादन बढ़ने की वजह से घट रही कीमतें
चीनी उत्पादन का यह ट्रेंड चीनी वर्ष 2018-19 के समान है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश में सवा सौ चीनी मिलों में सीधे गन्ना रस और चीनी से एथनाल का उत्पादन शुरु होने के बावजूद अक्तूबर-नवंबर के दौरान चीनी का उत्पादन 42.9 लाख टन हो गया है। यह पिछले साल की इसी अवधि के दौरान हुए चीनी के उत्पादन के मुकाबले दोगुना है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल के अक्तूबर-नवंबर में कुल 20.72 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। इस्मा का कहना है कि चालू चीनी वर्ष (अक्तूबर से सितंबर) में पेराई सीजन पहले शुरु होने से ऐसा हो सका है।

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चीनी उत्पादन का यह ट्रेंड चीनी वर्ष 2018-19 के समान है। उस समय भी कुल 418 मिलों में पेराई शुरु हो गई थी, जिससे पहले दो महीने के दौरान ही 40 लाख टन से अधिक चीनी का उत्पादन हो गया था। लेकिन इस बार गन्ना जूस से सीधे एथनाल बनाने की शुरुआत के बावजूद चालू चीनी वर्ष में चीनी का उत्पादन अधिक हो रहा है। इस्मा का अनुमान है चालू पेराई सत्र में तकरीबन 20 लाख टन चीनी से एथनॉल का उत्पादन किया जाएगा।

आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में पिछले साल के 11.46 लाख टन के मुकाबले इस बार 12.65 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। जबकि महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 15.72 लाख टन हो गया है। यह पिछले साल के 1.38 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हो सका था। दरअसल, पिछली बार महाराष्ट्र में सूखे की वजह से गन्ने का रकबा कम था। कर्नाटक में चीनी का उत्पादन पिछले साल के 5.62 लाख टन के मुकाबले 11.11 लाख टन हो गया है।

चीनी उत्पादन बढ़ने की वजह से ज्यादातर बड़े राज्यों में कीमतें नीचे जा रही हैं। चीनी उत्पादन के दो बड़े राज्य महाराष्ट्र औ कर्नाटक में चीनी का थोक भाव 3200 से 3250 रूपए प्रति क्विंटल चल रहा है। पिछले दो महीने के दौरान कीमतों में 50 से 100 रूपए प्रति क्विंटल की कमी दर्ज की गई है। घरेलू बाजार में पेराई सत्र शुरु होने के समय चीनी का कैरीओवर स्टॉक बहुत ज्यादा होने की वजह से कीमतें कम हो रही हैं।


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