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डेढ़ महीने में ही चीनी का उत्पादन तीन गुना बढ़ा, पिछले साल के 4.84 लाख टन के मुकाबले 14.40 लाख टन उत्पादन

Sugar Production पेराई सीजन निर्धारित समय पर शुरु होने और बेहतर उत्पादकता के चलते चालू सीजन के पहले डेढ़ महीने में ही चीनी का उत्पादन लगभग तीन गुना हो गया है। चालू गन्ना वर्ष के दौरान मानसून की अच्छी बारिश होने से गन्ने की फसल का रकबा भी बढ़ा है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 07:07 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 07:18 AM (IST)
डेढ़ महीने में ही चीनी का उत्पादन तीन गुना बढ़ा, पिछले साल के 4.84 लाख टन के मुकाबले 14.40 लाख टन उत्पादन
चीनी के उत्पान के लिए फोटो pc: pixabay

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पेराई सीजन निर्धारित समय पर शुरु होने और बेहतर उत्पादकता के चलते चालू सीजन के पहले डेढ़ महीने में ही चीनी का उत्पादन लगभग तीन गुना हो गया है। चालू गन्ना वर्ष के दौरान मानसून की अच्छी बारिश होने से गन्ने की फसल का रकबा भी बढ़ा है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के जारी आंकड़ों के मुताबिक एक अप्रैल को पेराई सीजन शुरु होने के साथ ही देश की 271 मिलों में पेराई चालू हो गई। जबकि पिछले साल इस अवधि में केवल 127 मिलों में पेराई चालू हो सकी थी।

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एक अक्तूबर से चीनी मिलों में शुरु हुई पेराई के चलते 15 नवंबर तक चीनी का कुल उत्पादन 14.10 लाख टन हो चुका है। जबकि पिछले साल इसी अविध तक चीनी का उत्पादन मात्र 4.84 लाख टन हो सका था। चालू साल (अक्तूबर से सितंबर) में चीनी की रिकवरी दर में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की जा रही है। गन्ना खेती का रकबा बढ़ने और उत्पादकता में हुई वृद्धि से चालू चीनी वर्ष में चीनी के अतिरिक्त उत्पादन का अनुमान है।

चीनी उद्योग भारी कैरीओवर स्टॉक से पहले ही हलकान हो रहा है। उसे सरकारी हस्तक्षेप से चीनी निर्यात और बफर स्टॉक सब्सिडी की सख्त दरकार है, जिसका वह प्रतीक्षा भी कर रहा है। उसे 60 से 70 लाख टन चीनी निर्यात करने की जरूरत महसूस हो रही है। इस्मा के मुताबिक बीते मानसून सीजन की अच्छी बारिश से जहां खेतों में गन्ने की फसल बहुत अच्छी हुई है, वहीं महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे गन्ना उत्पादक राज्यों में जलाशय लबालब हो चुके हैं। इससे प्रति हेक्टेयर गन्ने की उत्पादकता में वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि चीनी की रिकवरी दर में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

देश में सर्वाधिक चीनी उत्पादन करने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 15 नवंबर तक 3.85 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। जबकि पिछले साल इसी अवधि तक 2.93 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में 5.65 लाख टन का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल यहां अब तक चीनी की पेराई ही ठीक से शुरु नहीं हो सकी थी। महाराष्ट्र व कर्नाटक में सूखे का प्रकोप होने से गन्ने की खेती बुरी तरह प्रभावित हुई थी। कर्नाटक में पिछले साल के 1.43 लाख टन के मुकाबले अब तक 3.40 लाख टन चीनी तैयार हो चुकी है।

चीनी उत्पादक अन्य राज्यों में गुजरात में पिछले साल के 20 हजार टन के मुकाबले 80 हजार टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। उत्तराखंड, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में केवल 18 चीनी मिलों में पेराई शुरु हो सकी है, जिनमें केवल 40 हजार टन चीनी तैयार की जा सकी है। चालू पेराई सीजन की शुरुआत 1.06 करोड़ टन चीनी के कैरीओवर स्टॉक के साथ हुई है। जबकि चालू सीजन में 310 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया गया है।


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