ज्यादा चीनी उत्पादन के अनुमान से शुगर मिलों की चिंता बढ़ी
चीनी वर्ष का पेराई सीजन छह महीने चलता है, जिसके पहले चरण के तीन महीनों (अक्टूबर से दिसंबर) के बीच एक करोड़ टन चीनी का उत्पादन हो चुका है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। उत्पादन बढ़ने के ताजा अनुमान और घरेलू बाजार में चीनी कीमत न सुधरने से चीनी उद्योग के माथे पर बल पड़ने लगा है। चालू पेराई सीजन में चीनी का कुल उत्पादन 2.50 करोड़ टन से अधिक होने का अनुमान लगाया गया है जो पिछले साल के 2.03 करोड़ टन के मुकाबले अधिक है। इतना ही नहीं बाजार में आगामी 2018-19 के पेराई सीजन में होने वाले भारी चीनी उत्पादन को लेकर घबराहट है, जिससे कीमतें बड़ी कोशिशों के बावजूद नहीं सुधर पा रही हैं।
चीनी उद्योग के सूत्रों के मुताबिक आगामी पेराई सीजन में चीनी उत्पादन को लेकर बाजार में अटकलों का दौर जारी है। इस दौरान तीन करोड़ टन से अधिक चीनी का उत्पादन होने का अनुमान लगाया जा रहा है। जबकि चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन ढाई करोड़ टन होगा। घरेलू खपत इसी उत्पादन से पूरी हो सकती है। जबकि अगले साल के लिए बकाया स्टॉक भी 40 लाख टन की सीमा को पार कर जाएगा।
चीनी वर्ष का पेराई सीजन छह महीने चलता है, जिसके पहले चरण के तीन महीनों (अक्टूबर से दिसंबर) के बीच एक करोड़ टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। अगले तीन महीनों के दौरान गन्ने की पेराई का चरम काल होता है, जिस दौरान चीनी का अधिकाधिक उत्पादन होता है।
उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में इस साल गन्ने की ज्यादा पैदावार की वजह से चीनी के उत्पादन में सुधार हुआ है। जबकि पिछले साल सूखे की चपेट में होने की वजह से महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन कम हुआ था। 31 दिसंबर 2017 तक चीनी का कुल उत्पादन 1.03 करोड़ टन हुआ है जो पिछले साल के मुकाबले 26 फीसद अधिक है। पिछले साल इस अवधि तक केवल 81.91 लाख टन चीनी का उत्पादन हो सका था।
महाराष्ट्र में इस दौरान 38.24 लाख टन और उत्तर प्रदेश में 33.80 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ। शेष चीनी का उत्पादन गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश में हुआ है। महंगाई थामने के लिहाज से सरकार ने सितंबर में तीन लाख टन कच्ची चीनी के आयात की मंजूरी दी थी। उसमें से 2.35 लाख टन कच्ची चीनी 15 दिसंबर तक आयात हो चुकी है।