Stock Market: शुरुआती कारोबार में 300 अंक से अधिक टूटा Sensex, इन शेयरों में दिखी सबसे ज्यादा गिरावट
BSE Sensex पर सुबह 0940 बजे 317.84 अंक यानी 0.67 फीसद की टूट के साथ 47387.96 अंक के स्तर पर ट्रेडिंग हो रही थी। इसी तरह NSE Nifty पर सुबह 0945 बजे 43.65 अंक यानी 0.31 फीसद की गिरावट के साथ 14252.75 अंक के स्तर पर कारोबार हो रहा था।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। घरेलू शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार में गुरुवार को काफी अधिक गिरावट देखने को मिली। BSE Sensex पर सुबह 09:40 बजे 317.84 अंक यानी 0.67 फीसद की टूट के साथ 47,387.96 अंक के स्तर पर ट्रेडिंग हो रही थी। इसी तरह NSE Nifty पर सुबह 09:45 बजे 43.65 अंक यानी 0.31 फीसद की गिरावट के साथ 14,252.75 अंक के स्तर पर कारोबार हो रहा था। निफ्टी पर Shree Cement, इंडसइंड बैंक, हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के शेयरों में सबसे अधिक बिकवाली देखने को मिली। वहीं, Tata Steel, विप्रो, JSW Steel, सन फार्मा और BPCL के शेयरों में हरे निशान में ट्रेडिंग हो रही थी।
दूसरी ओर, Sensex पर शुरुआती कारोबार में IndusInd Bank, Asian Paints, एक्सिस बैंक, हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिल रही थी। इनके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनजर्व, कोटक महिंद्रा बैंक, टेक महिंद्रा, लार्सन एंड टुब्रो, एनटीपीसी, रिलायंस, एचडीएफसी बैंक, नेस्ले इंडिया, मारुति, टाइटन, टीसीएस, अल्ट्राटेक सीमेंट, आईटीसी, एसबीआई और पावरग्रिड के शेयरों में लाल निशान के साथ ट्रेडिंग हो रही थी।
वहीं, डॉक्टर रेड्डीज (Dr Reddy's), सन फार्मा (Sun Pharma), ओएनजीसी, इन्फोसिस, एचसीएल टेक, एचडीएफसी, बजाज ऑटो और भारती एयरटेल के शेयर हरे निशान के साथ ट्रेंड कर रहे थे।
BSE का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक Sensex इससे पिछले सत्र में 47,705.80 अंक के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं, गुरुवार को Sensex गिरावट के साथ 47,501.71 अंक के स्तर पर खुला।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज में चीफ इंवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा कि कोविड-19 के नए मामलों में बेतहाशा वृद्धि से इकोनॉमी पर असर पड़ रहा है और साथ ही साथ बाजार धारणा भी प्रभावित हो रही है। स्थानीय स्तर पर किए गए लॉकडाउन और कड़े यात्रा प्रतिबंधों से वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि पर असर देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि अगर कोविड के मामले जल्द चरम पर पहुंचते हैं और उसके बाद उनमें कमी आती है तो क्षति सीमित हो जाएगी।