सेवा निर्यात में लगातार बढ़ोतरी से चालू खाते के घाटे में आएगी कमी, रुपये को मिलेगा समर्थन
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से फरवरी में 405.94 अरब डॉलर का वस्तु निर्यात रहा जबकि वस्तु का आयात इस अवधि में 653.47 अरब डॉलर का रहा। यानी कि इस अवधि में 247.53 अरब डॉलर का वस्तु व्यापार घाटा रहा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। वस्तु निर्यात के विपरीत सेवा निर्यात में लगातार हो रही बढ़ोतरी से चालू खाते का घाटा जीडीपी का 2.5 फीसद से कम रह सकता है।
चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने में चालू खाते का घाटा जीडीपी का 3.3 फीसद रहने की संभावना आरबीआई की तरफ से जाहिर की गई थी, लेकिन पिछले कुछ महीनों से सेवा निर्यात में आयात के मुकाबले तेज बढ़ोतरी से चालू खाते के घाटे में गिरावट के आसार साफ दिख रहे हैं।
आरबीआई ने भी ऐसी ही संभावना जताई थी। तभी कोटक महिंद्रा बैंक के सीईओ उदय कोटक ने अपने ट्वीट में कहा कि चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी के 2.5 फीसद से नीचे रह सकता है और अगले वित्त वर्ष में यह घाटा जीडीपी का दो फीसद तक जा सकता है।
वस्तु व सेवा का आयात निर्यात से जितना अधिक होगा, चालू खाते का घाटा बढ़ता जाएगा। पिछले तीन महीनों से वस्तु के निर्यात और आयात दोनों में पिछले साल की तुलना में गिरावट हो रही है। फिर भी हर महीने का वस्तु आयात वैल्यू टर्म में वस्तु के निर्यात से अधिक है।
दूसरी तरफ, सेवा निर्यात लगातार बढ़ रहा है और वैल्यू टर्म में यह सेवा आयात से अधिक हो रहा है। इसका फायदा यह हो रहा है कि वस्तु व सेवा के कुल निर्यात और आयात का अंतर धीरे-धीरे कम होता जा रहा है।
चालू वित्त वर्ष में 405.94 अरब डॉलर का वस्तु निर्यात रहा
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से फरवरी में 405.94 अरब डॉलर का वस्तु निर्यात रहा, जबकि वस्तु का आयात इस अवधि में 653.47 अरब डॉलर का रहा। यानी कि इस अवधि में 247.53 अरब डॉलर का वस्तु व्यापार घाटा रहा।
दूसरी तरफ, चालू वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल-फरवरी में सेवा निर्यात 296.94 अरब डॉलर का रहा और सेवा आयात सिर्फ 164 अरब डॉलर का रहा। इस प्रकार सेवा सेक्टर में 132 अरब डॉलर का व्यापार सरप्लस में रहा। यही वजह है कि धीरे-धीरे वस्तु व सेवा के कुल निर्यात और आयात का अंतर कम हो रहा है और अप्रैल-फरवरी में यह अंतर अब 114.58 अरब डॉलर का रह गया है। अप्रैल-फरवरी में वस्तु व सेवा का कुल निर्यात 702.88 अरब डॉलर का, तो कुल आयात 817.46 अरब डॉलर का रहा।
विशेषज्ञों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में विदेश में काम करने वाले भारतीय जो विदेशी मुद्रा भेजते हैं, वह 100 अरब डॉलर तक रह सकता है। इससे भी चालू खाते के घाटे को कम करने में मदद मिलेगी। चालू खाते का घाटा जितना कम होगा, डॉलर के मुकाबले रुपए पर उतना ही कम दबाव होगा। विदेशी मुद्रा भंडार में मजबूती से विकास और महंगाई संबंधी नीति बनाने में भी सरकार और आरबीआई को मदद मिलेगी।
पिछले पांच वित्त वर्षों में सेवा निर्यात की स्थिति
वित्त वर्ष | सेवा निर्यात |
2018-19 | 204 अरब डॉलर |
2019-20 | 220.7 अरब डॉलर |
2020-21 | 254 अरब डॉलर |
2021-22 | 254 अरब डॉलर |
2022-23 (अप्रैल-फरवरी) | 296.94 अरब डॉलर |
पिछले पांच महीनों में सेवा निर्यात की स्थिति
अक्टूबर 22 | 25.38 अरब डॉलर |
नवंबर | 27.02 अरब डॉलर |
दिसंबर | 31.29 अरब डॉलर |
जनवरी | 32.24 अरब डॉलर |
फरवरी | 29.15 अरब डॉलर |