'राज्य उठाएं बिजली सब्सिडी का बोझ'
बिजली वितरण कंपनियों के खर्चे पर मुफ्त या सस्ती बिजली बांट रहे राज्यों से केंद्र ने नाराजगी जताई है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि सब्सिडी का बोझ बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के बजाय राज्यों को उठाना चाहिए। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यदि राज्य मुफ्त बिजली बांटना चाहते हैं तो केंद्र को इससे कोई
नई दिल्ली। बिजली वितरण कंपनियों के खर्चे पर मुफ्त या सस्ती बिजली बांट रहे राज्यों से केंद्र ने नाराजगी जताई है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि सब्सिडी का बोझ बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के बजाय राज्यों को उठाना चाहिए।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यदि राज्य मुफ्त बिजली बांटना चाहते हैं तो केंद्र को इससे कोई समस्या नहीं है। मगर इसका खर्च उन्हें खुद उठाने को तैयार रहना चाहिए। बिजली सब्सिडी का बोझ डिस्कॉम पर नहीं डाला जा सकता। इससे कंपनियों की वित्तीय हालत पर बुरा असर पड़ता है। ज्यादातर राज्यों की बिजली वितरण कंपनियां घाटे से जूझ रही हैं। इसे देखते हुए बैंकों ने भी उन्हें कर्ज देना बंद कर दिया है।
सिंधिया ने कहा कि राज्य सरकारें लोक लुभावन घोषणाएं कर देती हैं। लेकिन, इसका खर्च उठाने के लिए वे तैयार नहीं होती। आखिर डिस्कॉम की बैलेंस शीट सरकारी योजनाओं की वजह से खराब क्यों हो। सिंधिया ने किसी राज्य का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कई राज्य सरकारें या तो किसानों को मुफ्त बिजली बांट रही हैं या फिर इसकी घोषणा कर चुकी हैं। ऊर्जा मंत्री का बयान ऐसे समय आया है जब केंद्र की ओर से डिस्कॉम के कर्ज पुनर्गठन के लिए मंजूर किया गया 1.9 लाख करोड़ रुपये का पैकेज राज्यों की कुछ चिंताओं की वजह से फंसा हुआ है।
सिंधिया ने कहा कि केंद्र सरकार कई तरह की सब्सिडी देती है। लेकिन, इनका खर्च वह मंत्रलयों पर न डालकर खुद उठाती है। ठीक इसी तर्ज पर राज्य सरकारें भी अपनी जिम्मेदारी उठाएं। यदि राज्य सरकारें सब्सिडी का बोझ उठाने लगें तो डिस्कॉम की हालत अपने आप सुधरती जाएगी।