स्टार्टअप कंपनियों को टैक्स को लेकर मिल सकती है रियायत; DPIIT, राजस्व विभाग इस दिशा में कर रहे काम
स्टार्टअप इंडिया के विजन डॉक्यूमेंट में फंड ऑफ फंड्स में बढ़ोत्तरी सीड मनी स्कीम और क्रेडिट गारंटी स्कीम जैसे प्रस्ताव शामिल हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। राजस्व विभाग और DPIIT एकसाथ मिलकर इस विषय पर मंथन कर रहे हैं कि स्टार्टअप कंपनियों को प्रत्यक्ष कर और परोक्ष कर व्यवस्था में और किस प्रकार की रियायत दी जा सकती है। नए उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए दोनों विभाग राहत देने के अन्य उपायों पर विचार कर रहे हैं। सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। DPIIT के सचिव गुरुप्रसाद महापात्र ने कहा कि वे स्टार्टअप कंपनियों के लिए एक समग्र दृष्टि पत्र को कैबिनेट के समक्ष रखेंगे। इस दृष्टि पत्र में कई उपाय प्रस्तावित हैं। महापात्र ने इन उपायों के बारे में कहा कि DPIIT इस साल स्टार्टअप कंपनियों को फंड ऑफ फंड्स स्कीम के जरिए अधिक राशि उपलब्ध कराएगी। पिछले साल विभाग ने इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए थे।
महापात्र ने कहा, ''इस समय राजस्व विभाग एवं DPIIT की स्टार्टअप इंडिया टीम एक साथ मिलकर इस विषय में काम कर रही है कि प्रत्यक्ष एवं कर व्यवस्था में और कौन-सी राहत दी जा सकती है।''
उन्होंने कहा कि सरकार कई स्टार्टअप कंपनियों को विपणन में भी मदद कर रही है। राजस्थान स्ट्राइड वर्चुअल कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। महापात्र ने कहा कि स्टार्टअप इंडिया के विजन डॉक्यूमेंट में फंड ऑफ फंड्स में बढ़ोत्तरी, सीड मनी स्कीम और क्रेडिट गारंटी स्कीम जैसे प्रस्ताव शामिल हैं।
महापात्र ने कहा कि सरकार स्टार्टअप कंपनियों के लिए चीजों को सरल बना रही है। उन्होंने कहा कि विभाग आइडिएशन स्टेज से कॉन्सेप्सट स्टेज में पहुंचने वाली स्टार्टअप कंपनियों के लिए सीड मनी जैसा फंड बनाने के बारे में सोच रही है।
उन्होंने कहा कि क्रेडिट गारंटी स्टार्टअप द्वारा कर्ज लिए जाने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा है। ऐसे में विभाग एक ऐसी पहल पर काम कर रहा है, जिसके तहत वह ऐसी स्टार्टअप कंपनियों को कुछ हद तक क्रेडिट गारंटी दे सकता है।