एमएसएमई के विकास के लिए यूपी-बिहार के 12 जिलों पर फोकस
सूक्ष्म, लघु व मध्यम आकार की कंपनियों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए सरकार देश के 100 जिलों में व्यापक अभियान छेड़ने जा रही है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सूक्ष्म, लघु व मध्यम आकार की कंपनियों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए सरकार देश के 100 जिलों में व्यापक अभियान छेड़ने जा रही है। इसमें उत्तर प्रदेश के नौ, पंजाब के चार और झारखंड व बिहार के तीन-तीन जिलों के भी नाम शामिल हैं।
सूत्रों ने कहा कि ‘सम्वेग’ नाम से शुरु हो रहे इस अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो नवंबर को नई दिल्ली से करेंगे। लगभग 80 जिलों में केंद्रीय मंत्री और अधिकारी इस कार्यक्रम की शुरुआत के अवसर पर मौजूद रहेंगे। पीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन्हें संबोधित करेंगे। इसके तहत एमएसएमई को ऋण मुहैया कराने में मदद करने, बाजार में पहुंच बढ़ाने और व्यापार में मदद करने जैसे उपाय किए जाएंगे। साथ ही हस्तशिल्प, हस्तकरघा, खेल वस्तुओं के विनिर्माण, लकड़ी के सामान, बांस से बनी हुई चीजें, कांच के सामान बनाने वाली छोटी और मझोली इकाइयों को इस कार्यक्रम के तहत मदद प्रदान की जाएगी। इस कार्यक्रम के तहत यूपी के नौ, बिहार और झारखंड के तीन-तीन, पंजाब के चार, हरियाणा के दो, हिमाचल प्रदेश के तीन और उत्तराखंड के तीन जिलों को शामिल किया गया है, जहां केंद्र सरकार के प्रतिनिधि इस अभियान की शुरुआत के मौके पर उपस्थित रहेंगे। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने की वजह से केंद्रीय प्रतिनिधि नहीं भेजे जाएंगे।
सूत्रों ने कहा कि एमएसएमई के विकास के लिए शुरु किए जा रहे इस विशेष अभियान के तहत वैसे तो पूरे देश में छोटे व मझोले उद्यमों को सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी, लेकिन चुनिंदा जिलों पर विशेष फोकस रहेगा। एमएसएमई के विकास पर अहमियत देने की जरूरत इसलिए है क्योंकि देश में 6.34 करोड़ एमएसएमई की इकाइयां हैं और इनसे लगभग 11.10 करोड़ लोगों को रोजगार प्राप्त है। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एमएसएमई का योगदान एक तिहाई है।