भारत में 10 अरब डॉलर के पार जाएगा सॉफ्टबैंक का निवेश
सॉफ्टबैंक के मुख्य कार्यकारी मासायोशी सोन ने कहा कि वह भारत में पहली बार एक सौर परियोजना में 35 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी।
टोक्यो, प्रेट्र। जापानी टेलीकॉम और इंटरनेट दिग्गज सॉफ्टबैंकका अगले 5-10 साल के दौरान भारत में निवेश 10 अरब डॉलर (करीब 670 अरब रुपये) से अधिक हो सकता है। सॉफ्टबैंक के सीईओ मासायोशी सोन ने कहा कि कंपनी भारत में पहली बार एक सौर ऊर्जा परियोजना में 35 करोड़ डॉलर निवेश करेगी। सॉफ्टबैंक के पास जापान की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी का स्वामित्व है। इसकी अमेरिकी कंपनी स्प्रिंट कॉर्प में निर्णायक हिस्सेदारी है।
सोन ने कहा कि हमने भारत में दो अरब डॉलर (लगभग 134 अरब रुपये) का निवेश कर दिया है। हमारी दिलचस्पी और ज्यादा निवेश में है। भारत में भविष्य बहुत अच्छा है। हमारी दिलचस्पी इंटरनेट कंपनियों के साथ सौर ऊर्जा कंपनियों में भी पैसा लगाने की है। हमारी बड़ी प्रतिबद्धताएं हैं। सॉफ्टबैंक भविष्य में निवेश की रफ्तार बढ़ाने पर विचार कर रही है। भारत में सॉफ्टबैंक ने स्नैपडील, ओला कैब्स, इनमोबी के अलावा मोबाइल एप हाईक मैसेंजर, हाउसिंग डॉट कॉम, ओयो रूम्स और ग्रोफर्स में भी पैसा लगाया हुआ है।
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सोलर एनर्जी में भी निवेश
सोन ने कहा, 'हम भारतीय सौर ऊर्जा क्षेत्र में पहला कदम बढ़ाने जा रहे हैं। हम वहां पहले सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट में 35 करोड़ डॉलर (करीब 2,300 करोड़ रुपये) का निवेश कर रहे हैं। अगले 5-10 वर्षो में हम 10 अरब डॉलर का निवेश कर सकते हैं।'
बडे़ संयुक्त उपक्रम की तैयारी
पिछले साल जून में सॉफ्टबैंक ने भारती एंटरप्राइजेज और ताईवान की कंपनी फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप के साथ मिलकर एक संयुक्त उद्यम बनाने की घोषणा की थी। यह उद्यम 20 गीगावॉट की सौर ऊर्जा का उत्पादन करेगा। परियोजना में तीनों सहयोगी मिलकर करीब 20 अरब डॉलर (1,340 अरब रुपये) का निवेश करेंगे। बिजली उत्पादन लक्ष्य हासिल करना खरीदने वाले राज्यों के साथ होने वाले समझौतों पर निर्भर करेगा।
सॉफ्टबैंक का निवेश
कंपनी निवेश की रकम
स्नैपडील , 2,200
ओला कैब्स , 1,400
इनमोबी , 1,300
(रकम करोड़ रुपये में)
भारत आएं, लगाएं पैसा : जेटली
टोक्यो : अर्थव्यस्था की रफ्तार को बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेंशन फंडों समेत तमाम जापानी निवेशकों को भारत में निवेश का न्योता दिया है। जेटली जापान के छह दिवसीय दौरे पर आए हुए हैं।
उन्होंने इस दौरे के दूसरे दिन जापान के उप-प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री तारो असो से मुलाकात की। इस दौरान उनसे जापानियों के लिए भारत में मौजूद निवेश के अवसरों पर चर्चा की। जेटली असो के अलावा जापान सरकार के अन्य मंत्रियों और प्रशासन के वरिष्ठ अफसरों से भी मिले।
भारत को अपने हाल ही घोषित इंफ्रास्ट्रक्चर फंड एनआइआइएफ के लिए बड़े पैमाने पर निवेश की दरकार है। इस फंड को 40,000 करोड़ रुपये की राशि से स्थापित किया जा रहा है। यह देश की इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का वित्तपोषण करेगा। इनमें बरसों से अटकी परियोजनाएं भी शामिल होंगी। एनआइआइएफ में सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की फर्मो की 40 फीसद हिस्सेदारी होगी। जबकि बाकी का पैसा बहुपक्षीय विकास बैंकों, सॉवरेन वेल्थ फंडों, पेंशन फंडों और अन्य संस्थाओं से आएगा।