ओला और उबर का हो सकता है विलय, सॉफ्टबैंक करवा रहा है डील
सॉफ्टबैंक ओला और उबर दोनों ही कंपनियों में सबसे बड़ा निवेशक है और वह इस डील के लिए प्रयास कर रहा है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। एप आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनी ओला और उबर के मर्जर को लेकर एक बार फिर से बातचीत शुरू हो गई है। जापानी कंपनी सॉफ्टबैंक इनके विलय का प्रयास कर रही है। इस मामले के एक जानकार ने इस बात की पुष्टी की है कि ओला और उबर के वरिष्ठ मुख्यकारी बीते कुछ महीनों में कई बार मुलाकात कर चुके हैं।
उसने यह भी बताया कि बातचीत से लग रहा है कि भारतीय टैक्सी कंपनी ओला उबर इंडिया का अधिग्रहण करेगी। हालांकि डील के रोडमैप पर अभी काम किया जाना बाकी है और इसमें कई महीने लग सकते हैं। सॉफ्टबैंक दोनों ही कंपनियों में सबसे बड़ा निवेशक है और वह इस डील के लिए प्रयास कर रहा है।
जब ओला के प्रवक्ता से इस डील से जुड़ी गतिविधियों के बारे में सवाल किया तो उन्होने बताया, “ओला हमेशा से अपने विस्तार के लिए अवसर तलाश करती रहती है। सॉफ्टबैंक और अन्य सभी निवेशक इस लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
गौरतलब है कि उबर टेक्नॉलजीज इंक ने अपने दक्षिण पूर्व एशिया ऑपरेशन्स को ग्रैब को बेचने का फैसला कर लिया है। स्थानीय स्तर पर कठिन मुकाबले के चलते उबर ने यह फैसला किया है। समझौते के मुताबिक ग्रैब दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में फूड डिलिवरी सर्विस UBEREATS सहित उबर के तमाम ऑपरेशनों को खरीदेगा। इसके बदले में उबर को ग्रैब में 27.5 फीसद हिस्सेदारी मिलेगी और इसके सीईओ दारा खुशरोशाही को ग्रैब के बोर्ड में जगह मिलेगी।