छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में नहीं होगा इजाफा, अप्रैल-जून तिमाही में बदलाव की संभावना कम
जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याद दर में 0.2 फीसद की कटौती कर दी थी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि अगली तिमाही में स्मॉल सेविंग स्कीम्स (छोटी बचत योजनाओं) पर ब्याज दरों में इजाफा नहीं होगा। आपको बता दें कि सरकार हर तिमाही में इन योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों की समीक्षा करती है। इन छोटी बचत योजनाओं में प्रमुखता से पीपीएफ,एनएससी, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम और सुकन्या समृद्धि योजना आती है।
यह पूछे जाने पर कि क्या बढ़ती बॉण्ड यील्ड सरकार को 1 अप्रैल से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है, इसका जवाब देते हुए आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा, "नहीं, इस तिमाही में नहीं।" साल 2016 से, सरकार ने छोटी बचत जमा दर को बेंचमार्क सरकारी प्रतिभूति (जी-सेक) दर के साथ जोड़ दिया था। वहीं जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याद दर में 0.2 फीसद की कटौती कर दी थी।
पीपीएफ और एनएससी की वार्षिक ब्याज दर 7.6 फीसद की है जबकि किसान विकास पत्र पर 7.3 फीसद की दर से ब्याज मिलता है। वहीं सुकन्या समृद्धि योजना पर सालाना आधार पर 8.1 फीसद की दर से ब्याज दिया जाता है। इसके 1 से 5 साल के टर्म डिपाजिट पर 6.6 से 7.4 फीसद की दर से तिमाही आधार पर ब्याज दिया जाता है, जबकि पांच साल के रेकरिंग डिपॉजिट पर 6.9 फीसद की दर से ब्याज मिलता है। गौरतलब है कि इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में इजाफा कर सकती है।