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‘उड़ान’ में स्पाइसजेट व इंडिगो समेत छह नियमित एयरलाइनें भी इच्छुक

सरकार को उड़ान के दूसरे चरण में 25 ऐसे प्रस्ताव मिले हैं जिनमें एयरलाइन बिना सब्सिडी के फ्लाइट शुरू करने की इच्छुक हैं।

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 15 Dec 2017 11:42 AM (IST)Updated: Fri, 15 Dec 2017 01:07 PM (IST)
‘उड़ान’ में स्पाइसजेट व इंडिगो समेत छह नियमित एयरलाइनें भी इच्छुक
‘उड़ान’ में स्पाइसजेट व इंडिगो समेत छह नियमित एयरलाइनें भी इच्छुक

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम ‘उड़ान’ (उड़े देश का आम आदमी) के दूसरे दौर में इंडिगो, जेट एयवेज, स्पाइसजेट व जूम एयर समेत छह शिड्यूल्ड एयरलाइनों ने हिस्सा लिया है। अन्य एयरलाइनों में थंबी एविएशन, एएए, आर्या एयरलाइंस तथा मैरीटाइम एविएशन जैसी नई व नॉन शिड्यूल्ड एयरलाइनों के नाम भी शामिल हैं। इनमें से केवल स्पाइसजेट ने पहले दौर में भाग लिया था।

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दूसरे दौर के तहत 126 एयरपोर्ट व हेलीपोर्ट वाले 502 क्षेत्रीय रूटों के लिए अब तक 17 एयरलाइनों से 141 प्रस्ताव (108 विमानों के, 33 हेलीकाप्टरों के) सरकार को मिले हैं। इनके जवाब में 10 एयरलाइनों से 55 प्रति-प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें मूल प्रस्तावों से कम या शून्य सब्सिडी पर उड़ाने भरने की मंशा जताई गई है। इनमें 25 प्रस्ताव ऐसे हैं जिनमें बिना सब्सिडी के सस्ती उड़ाने भरने की इजाजत मांगी गई है। इनमें से अधिकांश प्रस्ताव इंडिगो व स्पाइसजेट के हैं। एयरलाइनों की हैसियत को देखकर सरकार इन्हीं प्रस्तावों को सबसे ज्यादा तरजीह देगी।

अप्रैल में संपन्न पहले दौर की निविदाओं के तहत 70 एयरपोर्ट (इनमें 43 छोटे व नव विकसित क्षेत्रीय एयरपोर्ट शामिल) को जोड़ने वाले 128 रूटों को लिया गया था। इनमें से अब तक 13 क्षेत्रीय हवाई अड्डों से सस्ती उड़ानें शुरू हो चुकी हैं। जबकि 12 एयरपोर्ट से शीघ्र उड़ानें शुरू होने की संभावना है। शेष 18 एयरपोर्ट अभी इतने विकसित नहीं हुए हैं कि उड़ाने शुरू हो सकें। लेकिन दिसंबर 2018 तक इन्हें भी उड़ानों के योग्य बना दिया जाएगा। पहले दौर के लिए चयनित पांच एयरलाइनों में एयर ओडिशा को 50 रूट, एयर डेक्कन को 34, टबरे मेघा एयरवेज को 18, अलायंस एयर को 15 तथा स्पाइसजेट को 11 रूट आवंटित किये गये थे।

‘उड़ान’ में भाग लेने वाली एयरलाइन को किन्हीं दो हवाई अड्डों के बीच उड़ानें शुरू करने के लिए ऑनलाइन निविदाएं भरनी होती हैं। फिर इन एयरलाइनों से वित्तीय निविदाएं मांगी जाती हैं। पहली वित्तीय निविदाओं के आधार पर उनसे कम सब्सिडी मांगने वाली एयरलाइनों से दूसरी वित्तीय निविदा के तहत जवाबी यानी प्रति-प्रस्ताव मांगे जाते हैं। अंतत: सबसे कम या शून्य सब्सिडी मांगने वाली एयरलाइनों को रूट आवंटित किए जाते हैं।
‘उड़ान’ में वही एयरलाइनें हिस्सा ले सकती हैं जो कम से कम सब्सिडी पर यात्रियों को 2500 रुपये प्रति घंटे की दर पर विमान यात्र तथा इतने ही किराये पर आधे घंटे की हेलीकाप्टर यात्र ऑफर में सक्षम हों। कामयाब एयरलाइनों को आधी सीटें (विमान में न्यूनतम 9 व अधिकतम 40 सीटें तथा हेलीकाप्टर में अधिकतम 12 सीटें) 2500 रुपये की दर पर तथा बाकी आधी सीटें सामान्य किराये पर बेचने की छूट है। फिलहाल स्कीम दस वर्ष के लिए है। आवश्यकता पड़ने पर इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। स्कीम के तहत टिकट पर सर्विस टैक्स की छूट के अलावा एयरलाइनों को अन्य एयरलाइनों के यात्रियों के साथ सीटें साझा करने (कोड शेयरिंग) की छूट है। उनसे एयरपोर्ट शुल्क, पार्किंग व लैंडिंग शुल्क भी नहीं लिया जाता है।


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