OBC बैंक घोटाले पर CBI के एक्शन से गिर गये सिम्भावली शुगर्स के शेयर्स
ओबीसी फ्रॉड के चलते बैंक और सिम्भावली शुगर्स लिमिटेड के शेयर्स आज भारी गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुए है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सिम्भावली शुगर्स लिमिटेड के शेयर्स में सोमवार के दिन के कारोबार में बीएसई पर 20 फीसद तक की गिरावट दर्ज की गई है। शेयर्स में यह गिरावट ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में करीब 600 करोड़ के लोन डिफॉल्ट और धोखाधड़ी की खबर सामने आने के बाद देखने को मिली है। वहीं ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के शेयर्स में करीब 10 फीसद तक की गिरावट देखी गई है।
क्या है ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के लोन डिफॉल्ट का पूरा मामला
एफआइआर के मुताबिक बैंक ने 17 नवंबर 2017 को शिकायत दर्ज की थी। इसके मुताबिक बैंक ने कंपनी को 2011 में 148.60 करोड़ का लोन दिया है। यह लोन रिजर्व बैंक की एक स्कीम के अंतर्गत दिया गया था। जिसमें 5762 गन्ने के किसानों को वित्तीय सहायता दी जानी थी। इस लोन की राशि को बैंक ने अपने निजी इस्तेमाल के लिए गलत ढंग से ट्रांस्फर कर लिया।इस लोन खाते को बैंक ने आरबीआई से सामने 13 मई 2015 फ्रॉड खाते के तौर पर दर्ज कर दिया था। इसके बाद बैंक ने 28 जनवरी 2015 को 110 करोड़ रुपए का एक और कॉर्पोरेट लोन कंपनी को दिया, जो पिछले 97.85 करोड़ के लोन चुकाने के लिए दिया गया था। 30 जून 2016 को बैंक की ओर से कंपनी पर कुल 112.94 करोड़ रुपए की देनदारी दिखाई थी। कंपनी को दिया गया 110 करोड़ रुपए का लोन भी 29 नवंबर 2016 को एनपीए बन गया। इस तरह 110 करोड़ और 97.85 करोड़ के दोनो लोन कंपनी पर डिफॉल्ट हैं।
कैसा रहा बीएसई पर ओबीसी बैंक और सिम्भावली शुगर्स लिमिटेड का प्रदर्शन
सोमवार को बीएसई पर ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के शेयर्स 10.02 फीसद की गिरावट के साथ 95.15 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। इसका दिन का उच्चतम 99.35 फीसद और निम्नतम 92.50 का स्तर रहा है। वहीं इसका 52 हफ्तों का उच्चतम 190.80 का स्तर और निम्नतम 92.50 का का स्तर रहा है।
बीएसई पर सिम्भावली शुगर्स लिमिटेड के शेयर्स 15.73 फीसद की गिरावट के साथ 14.20 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। इसका दिन का उच्चतम 15.70 का और निम्नतम 13.50 का स्तर रहा है। वहीं इसका 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर 38.25 का और निम्नतम 13.50 का स्तर रहा है।
पीएनबी फ्रॉड
फिर कैसे हुआ घोटाला?
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में LoUs का ही इस्तेमाल किया गया है। ज्वैलरी डिजायनर नीरव मोदी ने अपनी फर्म के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक से ये फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग हासिल किये। फर्जी इसलिए क्योंकि न तो इसे बैंक के सेंट्रलाइज्ड चैनल से दिया गया और न ही जरूरी मार्जिन मनी नहीं थी। जारी होने के बाद इन LoUs की जानकारी स्विफ्ट कोड मैसेजिंग के जरिए सभी जगह भेज दी गई। इन LoU को नीरव मोदी ने विदेशों में अलग अलग सरकारी और निजी बैंक की शाखाओं से भुना लिया। भुनाई हुई राशि करीब 11000 करोड़ रुपए की थी।
कैसे खुला घोटाला?
पे ऑर्डर की तरह ही ये लेटर ऑफ क्रेडिट भी कंपनी की ओर से भुगतान न करने पर उन बैंकों में भुगतान के लिए पेश किए जाते हैं जहां से लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी हुआ होता है। पीएनबी के पास जब यह लेटर ऑफ अंडरटेकिंग भुगतान के लिए आए तो बैंक ने इनका भुगतान करने में असमर्थता जताई। जिसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। इस घोटाले का खुलासा आरोपी अधिकारी के रिटायरमेंट के बाद हुआ। पीएनबी की ओर से यह लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जुनियर अधिकारियों की ओर से गलत तरीके से लिए गए।