Silver Lake ने Byju's में किया निवेश, 10.8 अरब डॉलर हुई कंपनी की कुल वैल्यूएशन
पिछले महीने Byjus ने मुंबई के कोडिंग से जुड़े प्लेटफॉर्म WhiteHat Jr का अधिग्रहण किया था। कोडिंग को भविष्य के लिए तेजी से उभरते हुए स्किल के रूप में माना जा रहा है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। ऑनलाइन लर्निंग क्लासेज उपलब्ध कराने वाली कंपनी Byju's ने Silver Lake और मौजूदा निवेशकों Tiger Global, General Atlantic एवं Owl Ventures से नई पूंजी जुटाई है। कंपनी ने वित्तीय विवरण नहीं दिए हैं। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक एजुकेशन से जुड़ी कंपनी ने नए राउंड में 50 करोड़ डॉलर (करीब 3,672 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इससे कंपनी की वैल्यूएशन 10.8 अरब डॉलर हो गई है। Byju's के फाउंडर और सीईओ बाइजू रवींद्रन ने कहा कि उनकी कंपनी संकट के इस काल में काफी अधिक प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों की वजह से ऑनलाइन लर्निंग की महत्ता पैरेंट्स, शिक्षकों और छात्रों के सामने आ गई है।
Byju's की ओर से मंगलवार को जारी बयान में कहा गया है कि सिल्वेर लेक और मौजूदा निवेशकों टाइगर ग्लोबल, जनरल अटलांटिस और आउल वेंचर्स ने ताजा निवेश किया है।
Silver Lake के को-सीईओ ग्रेग मॉन्ड्रे ने कहा, ''हम इस निवेश और भारत एवं दुनियाभर के बच्चों को उनकी असली क्षमता हासिल करने में मदद करने वाली Byju की एजुकेशन टेक्नोलॉजी से जुड़ी प्रभावशाली टीम के साथ साझेदारी को लेकर काफी उत्साहित हैं।''
मौजूदा महामारी की वजह से स्कूल बंद होने के चलते कंपनी ने अपने लर्निंग एप के कंटेंट को सभी छात्रों के लिए फ्री कर दिया है। पिछले कुछ माह में BYJU'S ने आफ्टर-स्कूल लर्निंग के क्षेत्र में कदम रखा है। इसके लिए कंपनी ने BYJU'S Classes की शुरुआत की है। यह एक व्यापक ऑनलाइन ट्यूटोरियल प्रोग्राम है।
पिछले महीने Byju's ने मुंबई के कोडिंग से जुड़े प्लेटफॉर्म WhiteHat Jr का अधिग्रहण किया था। कोडिंग को भविष्य के लिए तेजी से उभरते हुए स्किल के रूप में माना जा रहा है। ऐसे में कंपनी को उम्मीद है कि इस अधिग्रहण से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार से जुड़ी उसकी योजना को बल मिलेगा।
लॉकडाउन लागू होने के बाद कंपनी के प्लेटफॉर्म पर दो करोड़ छात्र निशुल्क पढ़ाई कर रहे हैं।
वर्तमान में एप पर 6.4 करोड़ पंजीकृत छात्र हैं और 42 लाख लोगों के पास कंपनी का पेड सब्सक्रिप्शन है। यही वजह है कि वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी की कुल आमदनी दोगुनी तक बढ़कर 2,800 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 1,430 करोड़ रुपये पर था।