शेयर बाजार में फिर गिरावट का रुख, 5 दिन में निवेशकों के 19 लाख करोड़ रुपये डूबे
शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। भारी बिकवाली के बीच पांच दिन में निवेशकों की 1950288.05 करोड़ रुपये की पूंजी डूबी है। वैश्विक बाजारों में मुद्रास्फीति को लेकर चिंता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। घरेलू शेयर बाजार (Share Market) में मंगलवार को भी गिरावट का दौर जारी रहा। Sensex 57,158 अंक पर खुलने के बाद और नीचे चला गया। खबर लिखे जाने तक यह 57000 अंक के स्तर के आसपास कारोबार कर रहा था। Nifty 50 भी पिछले बंद से नीचे 17,001 पर खुला। इससे पहले शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। भारी बिकवाली के बीच पांच दिन में निवेशकों की 19,50,288.05 करोड़ रुपये की पूंजी डूबी है।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,545.67 अंक या 2.62 प्रतिशत के नुकसान से 57,491.51 अंक पर आ गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 468.05 अंक या 2.66 प्रतिशत टूटकर 17,149.10 अंक पर बंद हुआ।
जूलियस बेयर के कार्यकारी निदेशक मिलिंद मुचाला ने कहा कि भारतीय बाजार पिछले कुछ दिनों से उल्लेखनीय दबाव में हैं। हाल के उच्चतम स्तर से यह सात प्रतिशत नीचे आ चुका है...गिरावट चौतरफा है। हाल के आईपीओ वाले नये जमाने की कंपनियों में गिरावट ज्यादा तीव्र है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजारों में मुद्रास्फीति को लेकर चिंता है। साथ ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर बढ़ाने को लेकर भी चिंता है जिससे दुनिया के अन्य प्रमुख बाजारों में गिरावट के साथ घरेलू बाजार नीचे आये हैं। पिछले साल 26 नवंबर के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में किसी एक दिन में अबतक की यह सबसे बड़ी गिरावट है। यह लगातार 5वां कारोबारी सत्र है, जब बाजार नीचे आया है।
टाटा स्टील का शेयर करीब छह प्रतिशत टूटकर सर्वाधिक नुकसान में रहा। इसके अलावा बजाज फाइनेंस, विप्रो, टेक महिंद्रा, टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचसीएल टेक में भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। बिकवाली के दबाव में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर सबसे ज्यादा चार प्रतिशत टूट गया। कंपनी का अक्टूबर-दिसंबर, 2021 का तिमाही प्रदर्शन अबतक का सर्वश्रेष्ठ रहा है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि वैश्विक बाजारों में बिकवाली, तीसरी तिमाही के कमजोर वित्तीय परिणाम और बजट से पहले घबराहट से घरेलू बाजार में भारी बिकवाली हुई। एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) की कल से होने वाली बैठक से पहले धारणा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। निवेशकों को एफओएमसी की दो दिन की बैठक के नतीजे का इंतजार है। ऐसी उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व नीतिगत दर में वृद्धि को लेकर स्पष्ट संकेत देगा।