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Tata Group से अलग होगा शपूरजी पालोनजी ग्रुप, सुप्रीम कोर्ट को सौंपी औपचारिक योजना

शपूरजी पालोनजी ग्रुप ने टाटा ग्रुप के सात सात दशकों से ज्यादा पुराना संबंध खत्म करने का औपचारिक फैसला कर लिया है। ग्रुप ने गुरुवार को बताया कि उसने टाटा से अलग होने की औपचारिक योजना सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है।

By Manish MishraEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 10:55 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 07:54 AM (IST)
Tata Group से अलग होगा शपूरजी पालोनजी ग्रुप, सुप्रीम कोर्ट को सौंपी औपचारिक योजना
Shapoorji Pallonji Group to separate from Tata Group, submits plan to Supreme Court

नई दिल्ली, पीटीआइ। शपूरजी पालोनजी ग्रुप ने टाटा ग्रुप के सात सात दशकों से ज्यादा पुराना संबंध खत्म करने का औपचारिक फैसला कर लिया है। ग्रुप ने गुरुवार को बताया कि उसने टाटा से अलग होने की औपचारिक योजना सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने टाटा ग्रुप में अपनी हिस्सेदारी का मूल्य 1.75 लाख करोड़ रुपये लगाया है। टाटा ग्रुप ने सायरस मिस्त्री को 28 अक्टूबर, 2016 को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था। 

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टाटा परिवार और शपूरजी पालोनजी ग्रुप का संचालन करने वाले मिस्त्री परिवार में तब से पैदा हुई खटास दोनों समूहों के बीच सुप्रीम कोर्ट में कानूनी विवाद के रूप में दुनियाभर के सामने है। शपूरजी पालोनजी ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि टाटा संस दो समूहों की कंपनी है। इनमें टाटा समूह में टाटा ट्रस्ट्स, टाटा परिवार के सदस्य और टाटा की कंपनियां शमिल हैं। इनकी टाटा ग्रुप में कुल 81.6 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी है। वहीं, मिस्त्री परिवार के पास शेष 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

टाटा संस मुख्य निवेश कंपनी और टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी है। इसका मूल्यांकन सभी सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध शेयरों, ब्रांड, नकदी और अचल संपत्तियों के हिसाब से निकाला गया है। टाटा संस में शपूरजी पालोनजी समूह की 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी का मूल्य उसके हिसाब से 1,75,000 करोड़ रुपये बैठता है। शपूरजी पालोनजी ग्रुप ने कहा कि टाटा से अलग होने की योजना के तहत मूल्यांकन में विवाद को समाप्त करने के लिए सूचीबद्ध संपत्तियों में समानुपातिक आधार पर विभाजन किया जा सकता है। 

शेयर का मूल्य पहले ही पता है। ब्रांड का भी इसी आधार पर विभाजन हो सकता है, क्योंकि टाटा ग्रुप द्वारा ब्रांड का मूल्यांकन पहले ही कराया जा चुका है और इसे प्रकाशित भी किया गया है। इसके अलावा गैर-सूचीबद्ध संपत्तियों के लिए किसी तटस्थ तीसरे पक्ष से मूल्यांकन कराया जा सकता है।

बिना नकद निपटान के तहत शपूरजी पालोनजी ने टाटा की उन की सूचीबद्ध इकाइयों में समानुपातिक शेयरों की मांग की है, जिनमें टाटा संस की हिस्सेदारी है। बयान में उदाहरण के तौर पर बताया गया है कि टाटा कंसल्टेंसी सíवसेज (टीसीएस) में टाटा संस की हिस्सेदारी 72 प्रतिशत है। टाटा संस में उसकी 18.37 प्रतिशत की हिस्सेदारी के हिसाब से टीसीएस में उसका हिस्सा 13.22 प्रतिशत बैठता है। कंपनी के मौजूदा बाजार पूंजीकरण के अनुसार इतनी हिस्सेदारी का मूल्य 1.35 लाख करोड़ रुपये होगा।


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