मई 2018 के बाद जून महीने में पहली बार सर्विस सेक्टर में आई गिरावट, सर्विसेज पीएमआई 49.6 पर आई
देश के Services sector को मई 2018 के बाद पहली बार जून में कमजोर बिक्री प्रतिस्पर्धी दबाव और प्रतिकूल कराधान का सामना करना पड़ा है।
By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 03 Jul 2019 01:14 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 08:42 AM (IST)
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश के सेवा क्षेत्र को मई 2018 के बाद पहली बार जून में कमजोर बिक्री, प्रतिस्पर्धी दबाव और प्रतिकूल कराधान का सामना करना पड़ा है। बुधवार को एक मासिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट से यह सामने आयी है। आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स जून में गिरकर 49.6 अकों पर आ गई है, जबकि यह मई में 50.2 अंकों पर थी। सेवा क्षेत्र की बिजनेस गतिविधि में एक सटीक संकुचन देखा गया जो कि बिक्री की स्थिरता के कारण था।
पीएमआई पार्लेंस में 50 अंकों से ऊपर का आंकड़ा विस्तार को दिखाता है, जबकि 50 अंकों से नीचे का आंकड़ा संकुचन को दिखाता है। आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री Pollyanna de Lima ने कहा कि भारत के लिए पीएमआई के ये नए आंकड़े साल की शुरुआत में देखी गई अपेक्षाकृत मजबूत विकास दर की स्थिरता और कंपनियों के रोजगार पैदा करने की क्षमता के लिए चिंताजनक हैं। इस बीच, आईएचएस मार्किट कंपोजिट पीएमआई आउटपुट सूचकांक मई में 51.7 से गिरकर जून में 50.8 पर आ गया। यह एक साल का सबसे निचला स्तर है। यह सूचकांक विनिर्माण और सेवा क्षेत्र दोनों को दर्शाता है।
लीमा ने कहा, "वित्तीय वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में वित्त वर्ष 2017-18 की आखिरी तिमाही की तुलना में निजी क्षेत्र में सबसे धीमी वृद्धि हुई है। इस वजह से रोजगार वृद्धि में उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिली। लीमा ने कहा कि भारतीय सेवा प्रदाता आगामी महीनों में मांग में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।
पीएमआई पार्लेंस में 50 अंकों से ऊपर का आंकड़ा विस्तार को दिखाता है, जबकि 50 अंकों से नीचे का आंकड़ा संकुचन को दिखाता है। आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री Pollyanna de Lima ने कहा कि भारत के लिए पीएमआई के ये नए आंकड़े साल की शुरुआत में देखी गई अपेक्षाकृत मजबूत विकास दर की स्थिरता और कंपनियों के रोजगार पैदा करने की क्षमता के लिए चिंताजनक हैं। इस बीच, आईएचएस मार्किट कंपोजिट पीएमआई आउटपुट सूचकांक मई में 51.7 से गिरकर जून में 50.8 पर आ गया। यह एक साल का सबसे निचला स्तर है। यह सूचकांक विनिर्माण और सेवा क्षेत्र दोनों को दर्शाता है।
लीमा ने कहा, "वित्तीय वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में वित्त वर्ष 2017-18 की आखिरी तिमाही की तुलना में निजी क्षेत्र में सबसे धीमी वृद्धि हुई है। इस वजह से रोजगार वृद्धि में उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिली। लीमा ने कहा कि भारतीय सेवा प्रदाता आगामी महीनों में मांग में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।
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