Move to Jagran APP

अब कंपोजीशन स्कीम के दायरे में आएगा सर्विस सेक्टर

इस क्षेत्र के लिए जीएसटी की दर पांच फीसद की जा सकती है।

By NiteshEdited By: Published: Sun, 23 Dec 2018 10:04 AM (IST)Updated: Sun, 23 Dec 2018 03:00 PM (IST)
अब कंपोजीशन स्कीम के दायरे में आएगा सर्विस सेक्टर
अब कंपोजीशन स्कीम के दायरे में आएगा सर्विस सेक्टर

नई दिल्ली (हरिकिशन शर्मा)। सरकार मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों और कारोबारियों की तरह सर्विस सेक्टर में भी छोटे उद्यमियों को जीएसटी की कंपोजीशन स्कीम की सुविधा देने जा रही है। जीएसटी काउंसिल की 31वीं बैठक में शनिवार को इस आशय के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई। सर्विस सेक्टर के लिए कंपोजीशन की सीमा कितनी होगी, इस बारे में काउंसिल ने निर्णय का औपचारिक एलान नहीं किया है। लेकिन कहा जा रहा है कि यह 50 लाख रुपये हो सकती है। साथ ही इस क्षेत्र के लिए जीएसटी की दर पांच फीसद की जा सकती है।

loksabha election banner

फिलहाल कंपोजीशन स्कीम के लिए सालाना टर्नओवर की सीमा एक करोड़ रुपये है और जीएसटी कानून में संशोधनों के प्रभावी होने के बाद इसे बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये किया जा सकता है। लगभग 18 लाख कारेाबारियों ने इसके तहत पंजीकरण कराया हुआ है। सेवा क्षेत्र के उद्यमियों को फिलहाल यह सुविधा नहीं मिल रही है। कंपोजीशन स्कीम छोटे कारोबारियों के लिए काफी बेहतर है क्योंकि इसे लेने पर उनके लिए जीएसटी का अनुपालन सरल हो जाता है। उन्हें तीन महीने में मात्र एक रिटर्न दाखिल करना होता है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए 3.3 फीसद के निर्धारित राजकोषीय घाटा लक्ष्य से नहीं भटकेगी। जीएसटी काउंसिल की शनिवार को हुई 31वीं बैठक के बाद जेटली ने कहा कि दरों में कटौती से राजस्व नुकसान के बावजूद सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर टिकी रहेगी। वित्त मंत्री ने कहा, ‘इस वक्त जब हम राजस्व लक्ष्य की ओर देखते हैं तो पता चलता है कि इंडायरेक्ट टैक्स वसूली अपने लक्ष्य से थोड़ा पीछे है, जबकि डायरेक्ट टैक्स वसूली लक्ष्य से थोड़ा आगे है। हमारा गैर-कर राजस्व भी उम्मीद के अनुरूप ही बढ़ रहा है।

वर्तमान हालात में सरकार को पूरी उम्मीद है कि हम राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर टिके रहेंगे।’ गौरतलब है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल ने शनिवार को लगभग दो दर्जन वस्तुओं पर टैक्स की दर घटा दी है। इनके तहत टीवी, टायर और सिनेमा टिकट समेत आम उपयोग की कई चीजें पहली जनवरी से सस्ती हो जाएंगी। शनिवार की समीक्षा के बाद जीएसटी के सबसे ऊंचे 28 फीसद वाले स्लैब में अब महज 28 वस्तु और सेवा रह गए हैं। हालांकि उद्योग जगत ने जीएसटी काउंसिल के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि सीमेंट को 28 फीसद वाले स्लैब से निकालने की जरूरत है। इस बीच, एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर जेटली ने कहा कि देश के आर्थिक विकास की तेज दर यहां पर्यटन को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगी। वित्त मंत्री का कहना था कि देश में घूमने लायक खूबसूरत और रोमांचक स्थानों की कोई कमी नहीं है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.