Share Market: बाजार में भारी तबाही, सेंसेक्स 2919 अंक टूटा, निफ्टी 9600 के नीचे बंद
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 2919.26 अंक (-8.18%) गिरकर 32778.14 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 868.25 (-8.30%) अंक गिरकर 9590.15 पर बंद हुआ।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते एक महीने के लिए ब्रिटेन को छोड़कर बाकी यूरोप से लोगों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगाने से दुनिया भर के बाजारों के साथ भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को तबाही आ गई। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 2919.26 अंक (-8.18%) गिरकर 32,778.14 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 868.25 (-8.30%) अंक गिरकर 9,590.15 पर बंद हुआ। निफ्टी के 50 शेयरों में से सभी शेयर लाल निशान में बंद हुए। संभवतः यह एक दिन में यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है।
सेंसेक्स एक सभी शेयर लाल निशान में रहे
बीएसई का सेंसेक्स एक वक़्त 3079.93 अंकों की गिरावट के साथ 32,756.80 के स्तर पर कारोबार करता नजर आया। वहीं, NSE का निफ्टी भी 875.15 अंक यानी 8.37% फीसद की गिरावट के साथ 9,583.25 के स्तर पर कारोबार करता पाया गया।
दिन भर के कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक वक़्त 34,472.50 अंक के उच्चतम स्तर पर कारोबार कर रहा था, वहीं एक बार यह गिरकर 32,493.10 अंक के स्तर पर कारोबार करता पाया गया। निफ्टी और बीएसई सेंसेक्स के सभी शेयर लाल निशान में बंद हुए, निफ्टी के प्रमुख शेयरों में बीपीसीएल, यूपीएल, यस बैंक, वेदांत और गेल शामिल थे।
2008 के बाद सबसे बड़ी गिरावट
सेंसेक्स में सबसे बड़ी गिरावट करीब 12 साल पहले 2008 में आई थी। अबकी बार की गिरावट 2008 के बाद सबसे बड़ी है, जिसके तहत सेंसेक्स करीब 3150 अंक तक गिर गया। 2008 में एक वक्त ऐसा आया था जब सेंसेक्स में लोअर सर्किट लगा था। शेयर बाजार में 10 फीसद या उससे अधिक की गिरावट आ जाती है, तो उसमें लोअर सर्किट लग जाता है और ट्रेडिंग रोक दी जाती है। 24 अक्टूबर 2008 को कारोबार के दौरान सेंसेक्स 1070.63 प्वाइंट यानी 10.96 फीसद टूटा था। आज के गिरावट से निवेशकों ने एक दिन में 11.26 लाख करोड़ रुपये गंवा दिए हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण गुरुवार को 33 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया।
12 फरवरी 2020 के बाद से 2.6 ट्रिलियन मार्केट-कैप के साथ रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। TCS और HDFC बैंक ने क्रमशः 1.5 ट्रिलियन रुपये और 1.24 ट्रिलियन रुपये खो दिए। एचडीएफसी, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, आईटीसी, बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, इंफोसिस और ओएनजीसी का बाजार पूंजीकरण 50,000 करोड़ रुपये से घटकर 88,000 करोड़ रुपये रहा।