Share Market पर कोरोना का कहर: Sensex 1,448 अंक टूटा, Nifty 11219 पर हुआ बंद
share market update शुक्रवार को बम्बई स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 1448.37 अंक (-3.64%) गिरकर 38297.29 पर बंद हुआ।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना वायरस के संक्रमण से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर की आशंका के कारण वैश्विक शेयर बाजारों में 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट के बाद की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा है। शुक्रवार को बम्बई स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 1448.37 अंक (-3.64%) गिरकर 38,297.29 पर बंद हुआ। जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 414.10 (-3.56%) अंक कमजोर होकर 11,219.20 पर बंद हुआ। निफ्टी के 50 शेयरों में से 2 शेयर हरे निशान और 48 शेयर लाल निशान में बंद हुए। आज सुबह सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 1163 अंक यानी 2.93 फीसद गिरकर 38,582.66 अंक पर चल रहा था। एनएसई का निफ्टी भी 350.35 यानी 3.01 फीसद गिरकर 11,282.95 अंक पर चल रहा था।
सेंसेक्स के शेयरों में गिरावट
सेंसेक्स के ITC को छोड़कर सभी शेयर लाल निशान में चले गए. इनमें टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा, HCLTECH, बजाज फाइनेंस जैसे सभी शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। जबकि निफ्टी में वेदांता लिमिटेड, टाटा मोटर्स, हिंडाल्को, टेक महिंद्रा और टाटा स्टील सभी शेयर लाल निशान में बंद हुए।
अमेरिका के शेयर सूचकांक एसएंडपी 500 में गुरुवार को 4.4 फीसद की गिरावट रही। यह इसकी 2011 के बाद की सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज भी गुरुवार को करीब 12 सौ अंक गिरकर बंद हुआ। एसएंडपी 500 ने महज एक सप्ताह पहले अपना सर्वकालिक उच्च स्तर छुआ था। यह उस स्तर से अब तक 12 फीसद गिर चुका है। इन दोनों सूचकांकों में यह सप्ताह 2008 के आर्थिक संकट के दौरान अक्टूबर के बाद का सबसे बुरा होने जा रहा है।
विश्लेषकों का कहना है कि कोरोना वायरस का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ने की आशंका ने निवेशकों की धारणा खराब की है। निवेशकों का पिछले सप्ताह तक मानना था कि यदि चीन ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू पा लिया तो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इस आपदा का मामूली असर पड़ेगा। लेकिन संक्रमित लोगों के नए मामले सामने आते जाने से निवेशकों की धारणा बदली है और वे आर्थिक नरमी को लेकर चिंतित हो उठे हैं। इसके साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली जारी रहने से भी बाजार पर दबाव है।