Stock Market 2019: जीडीपी घटी, महंगाई बढ़ी लेकिन आसमान छूते रहे Sensex, Nifty; इन वजहों से ध्वस्त हुए सारे रिकॉर्ड
Sensex दो अप्रैल को पहली बार 39000 अंक के स्तर के पार गया। उस दिन 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान हुआ था।
नई दिल्ली, पीटीआइ। यह साल तमाम आर्थिक संकेतों के लिहाज से बहुत अहम हैं। एक तरफ देश की घटती जीडीपी, बढ़ती महंगाई दर, ऑटो सेल में भारी कमी और तमाम संकेतक आर्थिक विशेषज्ञों के पेशानियों पर बल लाते रहे, दूसरी ओर देश के शेयर बाजार एक के बाद एक रिकॉर्ड तोड़ते रहे। इस साल की शुरुआत में 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक Sensex 36,254.57 अंक के स्तर पर था। उसने पहले 40,000 अंक के ऐतिहासिक स्तर को छुआ और साल खत्म होते-होते 41,000 और फिर 41,500 के स्तर को। निफ्टी भी 12 हजारी बन गया। हालांकि, Mid-Cap और Small-Cap स्टॉक में निवेश करने वालों के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण बना रहा।
आइए जानते हैं Sensex ने कैसे छुआ आसमान
इस वर्ष की शुरुआत हुई तो सेंसेक्स 36,254.57 अंक के स्तर पर था। Sensex दो अप्रैल को पहली बार 39,000 अंक के स्तर के पार गया। उस दिन 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान हुआ था। सेंसेक्स में उछाल को नरेंद्र मोदी सरकार की जीत पर बाजार की मुहर के तौर पर देखा गया। हालांकि, 23 मई को जब लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित हुए तो मुनाफावसूली की वजह से सेंसेक्स गिरावट के साथ बंद हुआ लेकिन उसने दोबारा तेजी पकड़ी और तीन जून को 40,000 अंक के स्तर को पार कर गया।
बजट के बाद रिकार्ड गिरावट
Modi Government 2.0 के गठन के बाद सारा ध्यान बजट पर आ गया। हालांकि, पांच जुलाई को पेश बजट बाजार को पसंद नहीं आया और सेंसेक्स में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। बजट वाले दिन सेंसेक्स में 400 अंक की गिरावट दर्ज की गई। उसके बाद अगले सोमवार को जब बाजार खुला तो उसमें 793 अंक की भारी गिरावट दर्ज की गई। यह इस कैलेंडर वर्ष में एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट थी।
FPI और अमीरों पर सरचार्ज से बिगड़ी बात
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों एवं अमीरों पर लगाया गया सरचार्ज बाजार को बिल्कुल पसंद नहीं आया। FPI ने जुलाई में 12,418.73 करोड़ रुपये की निकासी की। उद्योग और बाजार की ओर से लगातार विरोध झेलने के बाद सरकार ने अगस्त में इस फैसले को वापस ले लिया। मोदी सरकार ने इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए कई उपाय भी किए।
कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद झूमे बाजार
केंद्र सरकार ने सितंबर में कॉरपोरेट टैक्स में भारी कटौती का ऐलान किया। इसके बाद शेयर बाजार को नई जान मिल गई और 20 सितंबर को सेंसेक्स 1,921 अंक चढ़ गया। यह एक दशक में एक दिन में दर्ज की गई सबसे बड़ी बढ़त थी। इसके बाद बाजार कुछ दिन चढ़ा, उसके बाद मुनाफावसूली के चलते नीचे भी आया। हालांकि, समय-समय पर उसमें तेजी बनी रही। Sensex पहली बार 27 नवंबर को 41,000 अंक के स्तर तक पहुंच गया। 27 दिसंबर तक सेंसेक्स ने 15.26 फीसद का रिटर्न दिया है, वहीं निफ्टी में 12.73 फीसद तक की दर्ज की गई।