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नये भारत का उदय होते देख रहे हैं वोडाफोन सीईओ

भारत के बारे में अब दिग्गज विदेशी कंपनियों का नजरिया बदलने लगा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण मोबाइल कंपनी वोडाफोन है। एक वर्ष पहले तक भारत को दुनिया में कारोबार के लिहाज से काफी मुश्किल देश करार देने वाली यह कंपनी अब मान रही है कि हालात काफी बदल चुके

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2015 08:16 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2015 09:39 PM (IST)
नये भारत का उदय होते देख रहे हैं वोडाफोन सीईओ

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत के बारे में अब दिग्गज विदेशी कंपनियों का नजरिया बदलने लगा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण मोबाइल कंपनी वोडाफोन है। एक वर्ष पहले तक भारत को दुनिया में कारोबार के लिहाज से काफी मुश्किल देश करार देने वाली यह कंपनी अब मान रही है कि हालात काफी बदल चुके हैं। भारत की यात्रा पर आये वोडाफोन समूह के सीईओ वीट्टोरी कोलाओ का कहना है कि वह अब एक नये भारत के उदय को देख रहे है। हालात को सकारात्मक होते देख कंपनी ने भारत में अपने पहले पब्लिक ऑफर (आइपीओ) को भी ठंडे बस्ते से निकाल लिया है। बहुत संभव है कि एक वर्ष के भीतर कंपनी का आईपीओ भारतीय बाजार में आ जाये।

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कोलाओ से आज यहां जब पूछा गया कि वह भारत में निवेश के माहौल को कैसा देख रहे हैं तो उनका जबाव था कि ''मैं एक नये भारत का उदय होता देख रहा हूं। हर जगह से मुझे सकारात्मक संकेत मिल रहे है। कई जगहों पर बदलाव होते देखा जा सकता है। हमारे कारोबार से जुड़े हिस्सों में भी बदलाव होते देखा जा सकता है। कुछ लोग कह रहे हैं कि यहां देरी होती है लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि भारत एक विशाल देश है। इस तरह की दिक्कत अन्य देशों में भी आती है। साइट (टावर लगाने की) की समस्या ब्रिटेन में भी है।'' वह भारत में किस तरह का बदलाव देख रहे हैं, यह सवाल जब वीट्टोरी से पूछा गया तो उनका जबाव था कि स्पेक्ट्रम शेयरिंग के नियमों का उदाहरण है, वोडाफोन के साथ कर विवाद का मामला है। इन बदलावों का असर नीचे तक होगा। यह डिजीटल इंडिया कार्यक्रम पर भी असर डालेगा।

कोलाओ ने बताया कि आइपीओ लाने पर काम करना शुरु कर दिया है। वैसे तो कंपनी कई वर्षो से भारत में आइपीओ लाने पर विचार कर रही है लेकिन कभी संचार घोटाले की वजह से तो कभी बाजार में गिरावट की वजह से और कभी कंपनी पर सरकार की तरफ से लगाये गये अतिरिक्त कर की वजह से इस टाला जाता रहा है। उन्होंने बताया कि आइपीओ के बारे में कंपनी बहुत ही सकारात्मक सोच रखती है लेकिन अंतिम फैसला करने से पहले कई चीजें है जिन्हें ध्यान में रखना होगा। वैसे आइपीओ की समय सीमा अभी कोई तय नहीं की गई है।

सनद रहे कि पिछले दिनों में मुंबई उच्च न्यायालय ने वोडाफोन पर कर बकाये मामले में कंपनी को काफी राहत दी है। सरकार ने भी यह ऐलान कर दिया है कि पुराने मामलों में अब कर नहीं लिया जाएगा। वोडाफोन देश की दूसरी सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी है। वर्ष 2007 के बाद से यह भारत में 13 अरब पाउंड निवेश कर चुकी है। कंपनी ने हर वर्ष भारत में 8500 करोड़ रुपये नए निवेश की योजना बना चुकी है। इसके अलावा स्पेक्ट्रम खरीदने पर कंपनी हजारों करोड़ रुपये खर्च करेगी।

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