निवेश फ्रॉड से बचने को सेबी लेगा मदद
बाजार नियामक सेबी ने निवेश फ्रॉड से निवेशकों को बचाने के लिए आरबीआइ, एसएफआइओ, प्रवर्तन निदेशालय और पुलिस की मदद लेने का निर्णय लिया है। निवेशकों से पैसे ऐंठने की विभिन्न फर्जी स्कीमें पूरे देश में चल रही हैं। सेबी ने पिछले कुछ महीनों में इन पर कार्रवाई की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन स्कीमों में ि
नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने निवेश फ्रॉड से निवेशकों को बचाने के लिए आरबीआइ, एसएफआइओ, प्रवर्तन निदेशालय और पुलिस की मदद लेने का निर्णय लिया है। निवेशकों से पैसे ऐंठने की विभिन्न फर्जी स्कीमें पूरे देश में चल रही हैं। सेबी ने पिछले कुछ महीनों में इन पर कार्रवाई की है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन स्कीमों में निवेशकों को एक साल में 100 फीसद तक रिटर्न का वादा करके पैसा ऐंठा जाता है। इन स्कीमों के झांसे में सबसे ज्यादा मध्यम दर्जे के निवेशक आते हैं। सेबी की जांच में पता चला है कि इनमें से ज्यादातर स्कीम का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग और काले धन को वित्तीय तंत्र में लाने के लिए भी किया जाता है। कुल मिलाकर इन स्कीमों में निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। सेबी के पास इन स्कीमों के खिलाफ कार्रवाई करने का पूर्ण अधिकार नहीं है।
सेबी को ज्यादा ताकतवर बनाने का एक प्रस्ताव सरकार के पास लंबित है। इसलिए बाजार नियामक ने दूसरे कानून एवं व्यवस्था एजेंसियों से हाथ मिलाने की तैयारी कर ली है। हर मामले के हिसाब से सेबी तय करेगा कि किस एजेंसी की मदद लेनी है।