पोंजी स्कीम के विधेयक पर राय देंगे सेबी अधिकारी
सरकार पोंजी स्कीम चलाने वालों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार पोंजी स्कीम चलाने वालों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए केंद्र संसद के शीतकालीन सत्र में ‘द बैनिंग ऑफ अनरगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम बिल, 2018’ को पारित कराने की कोशिश करेगा।
सूत्रों ने कहा कि पोंजी स्कीम पर अंकुश लगाने के लिए प्रस्तावित कानून के मसौदे पर फिलहाल संसद की वित्त मामलों से संबंधित समिति विचार कर रही है। कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली इस समिति की मंगलवार को बैठक होने जा रही है। समिति ने इस बैठक में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अधिकारियों को प्रस्तावित कानून पर उनसे राय लेने के लिए बुलाया है। सूत्रों ने उम्मीद जतायी कि समिति आगामी शीतकालीन सत्र में अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। सरकार की कोशिश इस विधेयक को उसी सत्र में पारित कराने की होगी।
सरकार ने इस साल 18 जुलाई को ‘द बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम बिल, 2018’ पेश किया था। इस विधेयक में प्रावधान है कि अगर कोई डिपॉजिट स्कीम चलाने वाली संस्था या कंपनी फर्जीवाड़ा करती है तो उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। साथ ही उस डिफॉल्टर की संपत्ति को अटैच कर जमाकर्ताओं को अविलंब उनकी राशि का वापस भुगतान करने का प्रावधान भी इस विधेयक में किया गया है। खास बात यह है कि पोंजी स्कीम के मामलों की जांच सीबीआइ कर सकेगी।
सरकार ने यह कानून बनाने के लिए ऐसे समय कदम उठाया है जब देश के कई क्षेत्रों से पोंजी स्कीम के जरिये हजारों छोटे निवेशकों की धनराशि हड़पने के मामले सामने आए हैं। खासकर बंगाल में शारदा चिटफंड मामला काफी चर्चा में रहा है। गौरतलब है कि पोंजी स्कीम चलाने वाली कंपनियां निवेशकों को अल्पावधि में ही ऊंचे रिटर्न का लालच देकर उनसे धनराशि जमा करा लेती हैं। वे कई लोगों से जमा राशि लेती हैं और एकाध को उच्च रिटर्न देती हैं। हालांकि जब सभी निवेशकों को धनराशि वापस करने की बारी आती है तो वे फर्जीवाड़ा कर निकल जाती हैं।