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सेबी ने रेमंड को थमाया कारण बताओ नोटिस, बाजार नियमों के उल्लंघन का लगाया आरोप

रेमंड ने वर्ष 2003 में जेके हाउस में पश्मीना नामक एक संस्था को चार फ्लैट किराए पर दिए थे, जो बाद में रेमंड के प्रमोटर समूह में कुछ लोगों को पट्टे पर दिए गए

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 11:19 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 12:08 PM (IST)
सेबी ने रेमंड को थमाया कारण बताओ नोटिस, बाजार नियमों के उल्लंघन का लगाया आरोप
सेबी ने रेमंड को थमाया कारण बताओ नोटिस, बाजार नियमों के उल्लंघन का लगाया आरोप

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने टेक्सटाइल क्षेत्र की दिग्गज कंपनी रेमंड को प्रतिभूति बाजार नियमों के उल्लंघन के चलते एक कारण बताओ नोटिस भेजा है। सेबी का आरोप है कि रेमंड पट्टे को लेकर आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने में असफल रही और कंपनी ने शेयरधारक पुनर्विकास मानदंडों का पालन नहीं किया है।

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पूंजी बाजार नियामक सेबी ने यहां पर वर्ष 2007-2017 के बीच कुछ प्रमोटरों को मुंबई में जेके हाउस के पट्टे से जुड़े लेन-देन का जिक्र किया है। रेमंड ने वर्ष 2003 में जेके हाउस में पश्मीना नामक एक संस्था को चार फ्लैट किराए पर दिए थे, जो बाद में रेमंड के प्रमोटर समूह में कुछ लोगों को पट्टे पर दिए गए। इन लोगों में गौतम सिंघानिया, वीना देवी सिंघानिया, अनंत सिंघानिया और अक्षत सिंघानिया शामिल हैं।

सेबी ने रेमंड को भेजे गए कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि 2015-16 में, जब संपत्ति का पुनर्निर्माण किया जा रहा था, तब रेमंड ने वैकल्पिक आवास के रूप में, प्रमोटरों समेत सभी उप-किरायेदारों के किराए का भुगतान किया। नियामक के मुताबिक प्रवर्तक पश्मीना के साथ उप-पट्टे के लिए हर महीने 7,500 रुपये का भुगतान कर रहे थे। जबकि रेमंड ने सिंघानिया के वैकल्पिक आवास के लिए हर महीने 12 लाख रुपये का भुगतान किया।

नियामक के निर्णायक अधिकारी जीवन सोनपरोटे ने कारण बताओ नोटिस में कहा है, "कंपनी ने लगभग 99 फीसद छूट पर उप-किरायेदारों को वैकल्पिक आवास दिए हैं। उप-किरायेदारों और कंपनी की ओर से किराए में दी गई असमानता कंपनी के प्रवर्तकों को अनुचित आर्थिक लाभ का संकेत दे रही है।"


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