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लॉकडाउन के दौरान शेयर बाजार में बढ़ी खुदरा निवेशकों की भागीदारी, डीमैट खातों की संख्‍या में हुआ बड़ा इजाफा

पूंजी बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने बुधवार उद्योग संगठन फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा कि लॉकडाउन के बाद से डीमैट खातों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है।

By Manish MishraEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 08:46 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 08:47 AM (IST)
लॉकडाउन के दौरान शेयर बाजार में बढ़ी खुदरा निवेशकों की भागीदारी, डीमैट खातों की संख्‍या में हुआ बड़ा इजाफा
लॉकडाउन के दौरान शेयर बाजार में बढ़ी खुदरा निवेशकों की भागीदारी, डीमैट खातों की संख्‍या में हुआ बड़ा इजाफा

नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान शेयर बाजार में रिटेल निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है। पूंजी बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने बुधवार उद्योग संगठन फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा कि लॉकडाउन के बाद से डीमैट खातों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। बाजार में नए निवेशकों की भागीदारी बढ़ना इसकी वजह रही। उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ महीनों के दौरान शेयर बाजार में रिटेल निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है।'

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हालांकि कई विश्लेषकों का यह भी कहना है कि लॉकडाउन के दौरान निवेशकों के पास निवेश के ज्यादा विकल्प उपलब्ध नहीं होने की वजह से भी यह भागीदारी बढ़ी है। त्यागी के मुताबिक नए निवेशकों के लिए पूंजी बाजारों में आसानी से प्रवेश का बेहतर तरीका यह होगा कि वे सरकारी सिक्युरिटीज (जी-सेक) जैसे उपकरणों में निवेश से करें, क्योंकि उनमें जोखिम बिल्कुल नहीं है। लेकिन इसे बढ़ावा तब मिलेगा, जब जी-सेक भी डीमैट रूप में जारी होने लगेंगी।

सेबी चेयरमैन का कहना था कि बाजार काफी हद तक मार्च के झटकों से उबर चुके हैं। महामारी के बावजूद बाजार ने पहली तिमाही में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी जुटाई है। उनका मानना था कि इन्सॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड यानी आइबीसी के प्रावधानों को छह महीनों के लिए निलंबित किए जाने की वजह से कंपनियां और बैंक इन उपायों का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा सेबी ने कंपनियों के लिए पूंजी जुटाने की प्रक्रिया को भी आसान किया है। उनके मुताबिक कोरोना संकट की वजह से कंपनियों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते ये कदम उठाए गए हैं।


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