SEBI ने रिमैक रियल्टी और इसके निदेशकों पर लगाया प्रतिबंद्ध, पैसों के गलत इस्तेमाल का आरोप
SEBI के अनुसार रीमैक रियल्टी और उसके पांच निदेशक कंपनी की कोई परिसंपत्ति या कपंनी के फंड से अधिकृत की गई परिसंपत्ति को बेच नहीं सकते
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बाजार नियामक सेबी ने रीमैक रियल्टी और उसके पांच निदेशकों को सिक्योरिटीज मार्केट से चार वर्षों के लिए बैन कर दिया है। सेबी ने यह फैसला गैर कानूनी तरीके से फंड जुटाने की गतिविधियों के चलते लिया है। चार वर्ष का बैन उस से लागू होगा जिस दिन निवेशकों की रिफंड प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
इसके अलावा बाजार नियामक ने कंपनी के पांच निदेशकों पर किसी भी सूचीबद्ध कंपनी के निदेशक या अहम मैनेजिरियल पद पर रहने के लिए बैन कर दिया है।
अपने 10 पेजों के ऑर्डर में सेबी ने कहा, “कंपनी और उसके पांच निदेशकों पार्था प्रतिम तिवारी, लीना तिवारी, रीना विजय, संदीप चटोपाद्याय और डेबाप्रतिम मजूमदार, की संयुक्त रूप से जिम्मेदारी बनती है कि अपनी मौजूदा निवेश योजनाओं को खत्म करें और अगले तीन महीनों के भीतर पैसा रिफंड कर दें।”
कंपनी पर आरोप है कि उसने कथित रूप से विभिन्न स्कीमों के जरिए गैर कानूनी तरीके से फंड जुटाया है जिसमें सोलर प्रोडक्ट्स भी शामिल हैं।
जुलाई 2014 में नियामक ने कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित किया था, जहां उसपर तत्कालीन स्कीम या किसी नई लॉन्च की गई स्कीम के जरिए निवेशकों से पैसा जुटाने पर प्रतिबंद्ध लगा दिया था।
सेबी के 19 मार्च को आए आदेश के अनुसार, रीमैक रियल्टी और उसके पांच निदेशक कंपनी की कोई परिसंपत्ति या कपंनी के फंड से अधिकृत की गई परिसंपत्ति को बेच नहीं सकते। वे केवल अपने निवेशकों को रिफंड कर सकते हैं।