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किसानों को वैल्यू चेन में लाने को उठाए जाएं कदम: सिंधिया

ज्योतिरादित्य सिंधिया का काना है कि फूड प्रोसेसिंग की वैल्यू चेन में किसान को जोड़ा जाना चाहिए

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 15 Dec 2017 11:53 AM (IST)Updated: Fri, 15 Dec 2017 11:53 AM (IST)
किसानों को वैल्यू चेन में लाने को उठाए जाएं कदम: सिंधिया
किसानों को वैल्यू चेन में लाने को उठाए जाएं कदम: सिंधिया

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कांग्रेस के नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने न्यू इंडिया के लिए एनडीए सरकार को चार सुझाव दिए हैं। इसमें सबसे पहला सुझाव यह है कि भारतीय किसानों को वैल्यू चेन में लाना होगा। इसका सबसे बड़ा फायदा किसानों को होगा। सिंधिया उद्योग चैंबर फिक्की की 90वीं आम बैठक के एक सत्र को संबोधित कर रहे थे। अपने बेहद सारगर्भित भाषण में सिंधिया ने कांग्रेस पर पीएम मोदी की तरफ से एक दिन पहले इसी मंच से लगाये गये आरोपों का जवाब भी दिया और सरकार को आर्थिक मोर्चे पर कुछ बेहद रचनात्मक सुझाव भी दिये।

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सिंधिया ने कहा कि आज की तारीख में खाद्य उत्पादों का कारोबार 315 अरब डॉलर का है। भारत अभी दूध, फल व सब्जी का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। लेकिन, इसके दस फीसद हिस्से की ही प्रोसेसिंग हो पाती है। जबकि, घरेलू खपत के बाद 40 फीसद बेकार हो जाता है। अगर खाद्य प्रसंस्करण के वैल्यू चेन में किसानों को जोड़ दिया जाए तो उनकी आय बढ़ाने का एक बढ़िया रास्ता निकल सकता है।

सिंधिया ने दूसरा सुझाव राज्यों में उद्योगों के विकास को लेकर दिया। उनका मानना है कि राज्यों को उनकी विशेषता के आधार पर अलग-अलग उद्योगों के लिए तैयार किया जाए। हाल के वर्षो में तमिलनाडु आटोमोबाइल, बेंगलुरु में आइटी, गुजरात में डायमंड व टैक्सटाइल का केंद्र बना है। उनका सुझाव है कि इसी तर्ज पर दूसरे राज्यों को विकसित करने का एजेंडा भी तय होना चाहिए।

सिंधिया मानते हैं कि पर्यटन देश के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है। अपने तीसरे सुझाव में सिंधिया ने कहा कि पर्यटन सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले उद्योग में है। लेकिन भारत में अपार संभावनाओं के बावजूद इस क्षमता का इस्तेमाल नहीं हो सका है। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि गौरवशाली ताजमहल को देखने सिर्फ 5 लाख लोग आते हैं, जबकि स्टैचू ऑफ लिबर्टी को देखने 40 लाख पर्यटक जाते हैं।

सरकार को अपने सुझावों की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए सिंधिया ने कहा कि रिसर्च व डेवलपमेंट को सरकारी खर्च में वरीयता देनी होगी। उन्होंने कहा कि दुनिया के विकसित देशों के मुकाबले भारत में इस पर खर्च बहुत कम है। आइआइटी और आइआइएम जैसे संस्थानों का बड़े पैमाने पर उपयोग करने की जरूरत है ताकि देश में शोध व विकास को ज्यादा से ज्यादा से आम जनता से जोड़ा जा सके।

अपने सुझावों के इतर सिंधिया ने कहा कि शुक्रवार से शुरू हो रहे लोकसभा के सत्र में उनकी पार्टी एफआरडीआइ विधेयक के तहत बैंक ग्राहकों के हितों के साथ समझौता करने के मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगी। उन्होंने कहा कि पहले इस सरकार ने नोटबंदी कर आम जनता से उनके आर्थिक अधिकार छीने और अब बैंक व वित्तीय ग्राहकों के अधिकार छीनने की कोशिश हो रही है। उन्होंने पीएम के इस दावे को खारिज किया कि सरकार बैंक ग्राहकों के हितों की पूरी रक्षा करेगी।


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