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देश के 50 जिलों में मिलेंगी MSME की सभी स्कीम, फिलहाल 10 जिलों से शुरू होने जा रहा है पायलट प्रोजेक्ट

उदाहरण के लिए कालाहांडी में चावल का उत्पादन अधिक होता है तो वहां चावल की प्रोसेस्ड यूनिट लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि हरिद्वार का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि वहां उद्योग तो हैं लेकिन उन्हें प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है।

By NiteshEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 12:02 PM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 12:39 PM (IST)
देश के 50 जिलों में मिलेंगी MSME की सभी स्कीम, फिलहाल 10 जिलों से शुरू होने जा रहा है पायलट प्रोजेक्ट
schemes of MSME will be available in 50 districts

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के 50 आकांक्षी जिलों में एमएसएमई मंत्रालय अपनी सभी प्रमुख स्कीमों को शुरू करने जा रहा है। इनमें मुख्य रूप से उन जिलों में औद्योगिक क्लस्टर की स्थापना से लेकर प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा एमएसएमई मंत्रालय के टेक्नोलाजी डेवलपमेंट, मार्के¨टग प्रमोशन स्कीम, स्किल डेवलपमेंट से जुड़े कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक फिलहाल 10 आकांक्षी या कम विकसित जिलों से यह कार्यक्रम पायलट रूप में शुरू होने जा रहा है। उसके बाद बाकी के 40 जिलों में यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। इन 10 जिलों में कालाहांडी, पलामू, चंद्रापुर के साथ उत्तराखंड का हरिद्वार भी शामिल है।

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मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी प्रमुख स्कीम को एमएसएमई मंत्रालय अपने स्तर पर राज्यों के सहयोग से लागू करेगा। राज्य और केंद्र के स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) इन जिलों में औद्योगिक क्लस्टर की स्थापना करेंगे और यह काम निर्धारित समय में पूरा होगा। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक सभी जिलों के स्थानीय कृषि उत्पाद को ध्यान में रखते हुए औद्योगिक क्लस्टर की स्थापना की जाएगी।

उदाहरण के लिए कालाहांडी में चावल का उत्पादन अधिक होता है तो वहां चावल की प्रोसेस्ड यूनिट लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि हरिद्वार का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि वहां उद्योग तो हैं, लेकिन उन्हें प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है।

रोजगार सृजन के लिए चलेगा विशेष अभियान

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक इन आकांक्षी जिलों में एमएसएमई की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन स्कीम के लिए विशेष अभियान चलाया जा सकता है ताकि वहां के युवा अपना कारोबार शुरू कर सकें। उन युवाओं के कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण देने के साथ उनके उत्पादों की मार्केटिंग में भी मदद की जाएगी।

ओडीओपी को दिया जाएगा प्रोत्साहन

सूत्रों के मुताबिक एमएसएमई मंत्रालय आकांक्षी जिलों में वन डिस्टि्रक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) कार्यक्रम को भी सफल बनाने में अपना विशेष योगदान देगा। ओडीओपी के तहत सभी जिलों के किसी एक उत्पाद के उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जिसका निर्यात भी किया जा सके।


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