Amazon-Future Group Case: सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाई कोर्ट में चल रही सुनवाइयों पर लगाई रोक, जानें आगे क्या होगा
सुप्रीम कोर्ट ने Amazon-Future Group-Reliance से जुड़े मामले में दिल्ली हाई कोर्ट की एकल पीठ और खंड पीठ में चल रही सुनवाइयों पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति आर फली नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मामले में अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) और रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) के विलय से जुड़े मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में चल रही कार्यवाही को स्थगित करने का निर्देश दिया। कोर्ट की एक तीन सदस्यीय पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए चार मई की तारीख निर्धारित की है। कोर्ट ने उस तारीख को मामले में सभी दलीलें लिखित में पूरी करने का निर्देश दिया।
अमेरिकी रिटेलिंग दिग्गज अमेजन ने आठ अप्रैल को शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर दिल्ली हाई कोर्ट की खंडपीठ के आदेश को चुनौती दी थी। इस आदेश में किशोर बियानी के नेतृत्व वाले फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) की शाखा आरआरवीएल के बीच 24,713 करोड़ रुपये के संपत्ति बिक्री सौदे पर लगी रोक हटा ली गई थी। इस सौदे के तहत एफआरएल ने अपनी अधिकांश संपत्ति आरआरवीएल के हाथों बेचने का फैसला किया था।
इससे पहले, एफआरएल ने दिल्ली हाई कोर्ट की एकल पीठ के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें सिंगापुर आपातकालीन मध्यस्थता (ईए) न्यायाधिकरण के आदेश को बरकरार रखा गया था। सिंगापुर स्थित न्यायाधिकरण ने अमेजन का पक्ष स्वीकारते हुएएफआरएल को आरआरवीएल के साथ हुए सौदे पर कदम बढ़ाने से मना कर दिया था।
हाई कोर्ट की खंड पीठ ने एकल पीठ का फैसला बदलते हुए फ्यूचर ग्रुप को राहत प्रदान की थी।
उसके बाद अमेजन ने हाई कोर्ट की खंडपीठ के 22 मार्च के आदेश पर रोक लगाने का सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है। उल्लेखनीय है कि अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच लगभग आठ महीनों से यह विवाद चल रहा है। आरआइएल ने आरआरवीएल के साथ पिछले वर्ष अगस्त में सौदा किया था। अमेजन ने इस सौदे के खिलाफ सिंगापुर मध्यस्थता न्यायाधिकरण में गुहार लगाई।
कंपनी का कहना था कि उसने फ्यूचर ग्रुप के साथ एक वर्ष पहले एक करार किया था और रिलायंस रिटेल के साथ कंपनी का यह सौदा उसके साथ हुए पुराने सौदे की शर्तो का उल्लंघन है। सिंगापुर मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने अमेजन के तर्क को सही ठहराया। अमेजन उसके इस फैसले के साथ दिल्ली हाई कोर्ट पहुंची और इस सौदे पर रोक का आग्रह किया। हालांकि इस सौदे को पूंजी बाजार नियामक सेबी और शेयर बाजारों समेत भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) अपनी मंजूरी दे चुके हैं।