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रैनबैक्सी को सुप्रीम कोर्ट से राहत

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सुप्रीम कोर्ट ने दवा कंपनी रैनबैक्सी के खिलाफ दाखिल याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। एक जनहित याचिका में कंपनी पर मिलावटी व खराब गुणवत्ता वाली दवाएं बेचने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति एके पटनायक व न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की पीठ ने वकील मनोहर लाल शर्मा की ओर से दाखिल याचिका

By Edited By: Published: Tue, 25 Jun 2013 09:18 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
रैनबैक्सी को सुप्रीम कोर्ट से राहत

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सुप्रीम कोर्ट ने दवा कंपनी रैनबैक्सी के खिलाफ दाखिल याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। एक जनहित याचिका में कंपनी पर मिलावटी व खराब गुणवत्ता वाली दवाएं बेचने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी।

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न्यायमूर्ति एके पटनायक व न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की पीठ ने वकील मनोहर लाल शर्मा की ओर से दाखिल याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि याचिकाकर्ता कंपनी द्वारा मिलावटी व कम गुणवत्ता की दवाएं बनाने के आरोप साबित करने वाले कोई सुबूत या सामग्री पेश नहीं कर पाया। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता की पूरी बहस अमेरिकी कोर्ट के आदेश पर आधारित है। मगर उस आधार पर भारत में सुनवाई नहीं हो सकती। याचिकाकर्ता कम गुणवत्ता की और मिलावटी दवाएं बनाने के कंपनी के खिलाफ कोई सामग्री नहीं पेश कर पाया। हालांकि, कोर्ट ने शर्मा को यह छूट दी है कि अगर उसे भविष्य में कंपनी के खिलाफ मिलावटी और कम गुणवत्ता की दवाएं बनाने की सामग्री मिले तो वह नई याचिका दाखिल कर सकते हैं।

शर्मा की याचिका में अमेरिकी कोर्ट द्वारा लगाए गए जुर्माने को आधार बनाते हुए रैनबैक्सी के खिलाफ मिलावटी दवा बेचने पर कार्रवाई की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि कंपनी जो दवाएं अमेरिका व अन्य देशों को भेजती है, वही दवाएं भारत में भी बेची जाती है। अमेरिका ने जांच में पाया है कि कंपनी मिलावटी और खराब गुणवत्ता की दवाएं बना रही है। इसके लिए वहां कंपनी पर 50 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगा है।


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