SBI ने Whatsapp और सोशल मीडिया पर आ रहे फेक ऑफर्स को लेकर ग्राहकों को किया सतर्क
कुछ एसबीआई कस्टमर्स को व्हाट्सएप और सोशल मीडिया के जरिए मैसेज मिल रहे हैं। ऐसे ग्राहकों से उनका ओटीपी साझा करने को कहा जा रहा है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने देशभर के अपने ग्राहकों को व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर आ रहे फेक मैसेज को लेकर अलर्ट किया है। एसबीआई ने एक ट्वीट के जरिए लोगों को सतर्क किया है। बैंक को जानकारी मिली है कि कुछ ग्राहकों को फेक मैसेज मिल रहे थे, जिसमें उनसे फाइनेंशियस क्रेडेंशियल साझा करने को कहा जा रहा था।
बैंक अपने ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई प्रयास कर रहा है और ऐसे वक्त में सतर्क रहना महत्वपूर्ण है। इस धोखाधड़ी के बीच एसबीआई ने अपने ग्राहकों से यह भी कहा है कि वो किसी से भी अपनी डिटेल्स साझा न करें। एसबीआई ने ट्वीट में लिखा, "सावधान रहें और सुरक्षित रहें! व्हाट्सएप और सोशल मीडिया के जरिए सामने आ रहे फेक मैसेज आपको गुमराह कर सकते हैं। इस तरह की किसी भी घटना की शिकायत 1-800-111109 नंबर पर कॉल कर करें।"
Stay alert to stay safe! Fake offers on messages via WhatsApp and social media could lead you astray. Report any untoward incident by calling at 1-800-111109.#Safety #Alert pic.twitter.com/vGGdXZlCVJ — State Bank of India (@TheOfficialSBI) March 9, 2019
कुछ एसबीआई कस्टमर्स को व्हाट्सएप और सोशल मीडिया के जरिए मैसेज मिल रहे हैं। ऐसे ग्राहकों से उनका ओटीपी साझा करने को कहा जा रहा है, जिसमें लो वैल्यू ट्रांजेक्शन भी शामिल है। ऐसी स्थितियों में, एक जालसाज नेट बैंकिंग या सॉफ्टवेयर के माध्यम से लेनदेन करने की कोशिश करता है। आमतौर पर, जब सिस्टम का सॉफ्टवेयर नया होता है तो नेट बैंकिंग पोर्टल OTP की मांग करता है, ऐसी स्थिति में आप जब ओटीपी उपलब्ध करवाते हैं तो रॉबर्स को आपके पैसे निकालने का स्पष्ट संकेत मिल जाता है। इसीलिए ऐसी जानकारियों के लिए व्हाट्सएप और सोशल मीडिया जैसे माध्यमों का इस्तेमाल किया जाता है।
एसबीआई ने एक विस्तृत नोट में अपने बैंक खाता धारकों को सचेत किया और कहा, "बैंक को वॉट्सऐप और सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ संदेश प्रसारित किए जाने की जानकारी मिली है, जिसके जरिए हमारे ग्राहकों को मैसेज मिल रहे हैं जिसमें उनसे कम वैल्यू के लेनदेन के लिए उनका ओटीपी पूछा जा रहा है, जो कि फ्रॉड करने वालों की ओर से उत्पन्न नहीं किया गया है।"