SBI रिपोर्ट ने लगाया अनुमान, UP में किसानों की कर्जमाफी से बैंकों को 27,420 करोड़ का नुकसान
किसान कर्जमाफी के तहत कर्जदाता बैंकों को 27,420 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में नई सरकार किसान कर्जमाफी के तहत यदि छोटे और सीमांत किसानों के कर्ज माफ करती है तो कर्जदाता बैंकों को 27,420 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। साथ ही राज्य के राजकोषीय गणित पर भी कुछ प्रभाव पड़ सकता है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में से 325 सीटें जीतकर राजनीतिक पार्टी भाजपा ने चुनाव घोषणा पत्र में किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था।
भारतीय स्टेट बैंक की एक रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2016 के आंकड़ों के अनुसार, शेड्यूल्ड कॉमर्शियल बैंकों का उत्तर प्रदेश में 86,241.20 करोड़ रुपए का किसान ऋण (कर्ज) बकाया है। इसमें प्रत्येक कर्ज औसतन 1.34 लाख रुपए का है।
क्या होते हैं शेड्यूल्डक बैंक
शेड्यूल्ड बैंक वे बैंक होते हैं जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1934 के सेकेंड शेड्यूल के तहत लिस्ट है। आमतौर पर इनमें भारत के निजी, विदेशी और राष्ट्रीयकृत बैंक शामिल होते हैं। जो बैंक इस शेड्यूल के तहत नहीं आते हैं वो नॉन शेड्यूल्ड बैंक होते है।
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रिपोर्ट में भारतीय रिजर्व बैंक के वर्ष 2012 के आंकड़ों के मुताबिक कृषि ऋण का 31 फीसद सीमांत और छोटे किसानों, जिनके पास ढाई एकड़ तक की जमीन है, को दिया गया है। एसबीआई रिपोर्ट के मुताबिक यदि रिजर्व बैंक के इन आंकड़ों को उत्तर प्रदेश में भी लागू माना जाए तो वहां छोटे और सीमांत किसानों के ऋण माफ करने की योजना के तहत सरकार को 27,419.70 करोड़ रुपए माफ करने होंगे।