सस्ते लोन की बढ़ी उम्मीद, SBI ने बेस रेट में की 15 बेसिस प्वाइंट की कटौती
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने बेस रेट में 15 बेस प्वॉइंट की कटौती की है
नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने पांच सहयोगी बैंकों और एक भारतीय महिला बैंक के विलय के बाद बेस रेट में कटौती की है। बैंक का बेस रेट 15 बेस प्वॉइंट की कटौती के बाद 9.10 फीसद हो गया है। पहले यह दर 9.25 फीसद थी। इस नए रेट के बाद 20 लाख के होम लोन पर 2328 रुपये की वार्षिक बचत होगी। इसका फायदा मुख्य रूप से बैंक के पुराने ग्राहकों को मिलेगा, जिन्होंने बेस रेट पर लोन लिया है। इस कटौती के बाद होम लोन, कार लोन, बिजनेस लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई घट जाएगी।
एसबीआई की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक नया बेस रेट 1 अप्रैल से प्रभावी माना जाएगा। अनुमान के मुताबिक एमसीएलआर से केवल 30 से 40 फीसद फ्लोटिंग रेट लोन जुड़े हुए हैं, शेष बेस रेट के जुड़े हुए हैं। सितंबर तिमाही के अंत तक एसबीआई के 15 फीसद या 13000 हजार करोड़ होम लोन बुक एमसीएलआर से जुड़े हुए थे, जबकि 40 फीसद ओवलऑल लोन बुक नए एमसीएलआर सिस्टम से जुड़े हुए थे।
बैंक ने लैंडिंग रेट के मार्जिनल कॉस्ट में कोई बदलाव नहीं किया है, जिसमें जनवरी महीने में कटौती की गई थी। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एक वर्ष के लैंडिंग रेट का मार्जिनल कॉस्ट बिना किसी परिवर्तन के 8 फीसद है जबकि, दो वर्षीय रेट 8.1 फीसद है। दिसंबर तिमाही के अंत में बैंक की रिटेल बुक में 18 फीसद की वृद्धि देखी गई थी। जबकि होम लोन बुक 18.32 फीसद की दर से बढ़ा है और ऑटो लोन बुक 19.9 फीसद की दर से।
आपको बता दें कि बैंक के इस कदम का नए कर्ज लेने वाले ग्राहकों पर कोई प्रभाव नहीं होगा क्योंकि बैंक नए लोन, मार्जिनल कॉस्टक पर बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) पर देता है।
एमसीएलआर क्या है?
दरअसल ये मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स पर आधारित लेंडिंग रेट है जो कर्ज दरें तय करने के लिए बैंकों का फॉर्मूला है। एमसीएलआर, बॉरोइंग रेट और डिपॉजिट रेट के आधार पर तय होता है।
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