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सऊदी अरब अप्रैल से बढ़ाएगा एशियाई देशों के लिए Crude Oil का दाम, महंगाई पर होगा प्रतिकूल असर

आज सुबह शुरुआती कारोबार में क्रूड के दाम 130 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। यह वर्ष 2012 के बाद से सबसे अब तक का सबसे उच्च स्तर है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का आज 12वां दिन है। लगातार लड़ाई चल रही है।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 07 Mar 2022 03:14 PM (IST)Updated: Tue, 08 Mar 2022 07:30 AM (IST)
सऊदी अरब अप्रैल से बढ़ाएगा एशियाई देशों के लिए Crude Oil का दाम, महंगाई पर होगा प्रतिकूल असर
Saudi Arabia raises April crude prices to Asia to all time highs

नई दिल्ली, रायटर। सऊदी अरब के तेल उत्पादक अरामको ने अप्रैल के कच्चे तेल का आधिकारिक बिक्री मूल्य (OSP) बढ़ा दिया है। इसने एशिया को बेचे जाने वाले कच्चे तेल को 2 डॉलर प्रति बैरल से अधिक बढ़ा दिया है। 2008 के बाद से वैश्विक तेल की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं, इससे महंगाई बढ़ने की चिंता है। उधर, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय देशों ने यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण को देखते हुए रूसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

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सऊदी अरामको ने शुक्रवार देर रात कहा कि दुनिया के शीर्ष तेल निर्यातक ने अपने प्रमुख अरब लाइट क्रूड के लिए अप्रैल के ओएसपी को डीएमई ओमान और प्लैट्स दुबई क्रूड की कीमतों के औसत के मुकाबले 4.95 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ा दिया। Refinitiv डेटा से पता चला है कि यह ग्रेड के लिए अब तक का सबसे अधिक प्रीमियम है। एशिया में अरब मीडियम और अरब हेवी क्रूड के लिए अप्रैल ओएसपी भी अब तक के उच्चतम स्तर पर है।

एक व्यापारी ने कहा, कीमतें उम्मीद से अधिक हैं, लेकिन (मैं) सऊदी की मानसिकता को समझ सकता हूं, अबू धाबी के मुरबन क्रूड जैसे प्रतिद्वंद्वी ग्रेड की कीमतें भी रिकॉर्ड स्तर पर थीं। 

सोमवार को शुरुआती कारोबार में क्रूड के दाम 130 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। यह वर्ष 2012 के बाद से सबसे अब तक का सबसे उच्च कीमत है। यह बढ़ोतरी रूस के राष्ट्रपति ब्लादमिर पुतिन की उस धमकी के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि रूस अब यूक्रेन के चुने हुए इलाकों पर हमला करेगा।

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का आज 12वां दिन है। दो दौर की बातचीत के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच एक अस्थायी युद्धविराम विफल हो गया, क्योंकि दोनों पक्षों ने संकट के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया। जब से रूस को यूक्रेन पर आक्रमण करने की आशंका थी, तब से ऊर्जा बाजारों में हलचल मची है। इस बीच, लीबिया की राष्ट्रीय तेल कंपनी ने कहा कि एक सशस्त्र समूह ने दो महत्वपूर्ण तेल क्षेत्रों को बंद कर दिया था, जिसके बाद तेल की कीमतें अधिक दबाव में आ गईं।


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