नडेला को 112 करोड़ रुपये का पैकेज
न्यूयार्क। सॉफ्टवेयर दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ पद संभालने जा रहे भारतीय सत्या नडेला को कंपनी 12 लाख डॉलर का सालाना वेतन देगी। बोनस और शेयरों सहित उनका कुल वेतन पैकेज 1.
न्यूयार्क। सॉफ्टवेयर दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ पद संभालने जा रहे भारतीय सत्या नडेला को कंपनी 12 लाख डॉलर का सालाना वेतन देगी। बोनस और शेयरों सहित उनका कुल वेतन पैकेज 1.8 करोड़ डॉलर (करीब 112 करोड़ रुपये) होगा। उन्होंने बताया कि सीईओ पद के लिए उन्होंने अपनी ओर से पहल की थी। उनका विश्वास है कि सीईओ के तौर पर वह सॉफ्टवेयर की दुनिया में अपना असर छोड़ सकेंगे। हैदराबाद में जन्मे नडेला को कंपनी ने मंगलवार को अगला सीईओ नियुक्त करने की घोषणा की थी।
नडेला के नए एम्प्लॉयमेंट एग्रीमेंट के मुताबिक उन्हें सालाना वेतन के रूप में 7.5 करोड़ रुपये (12 लाख डॉलर) मिलेंगे। वहीं, 300 फीसद तक का नकद बोनस दिया जाएगा। साथ ही 1.32 करोड़ डॉलर के शेयर दिए जाएंगे। कंपनी के मुताबिक यह शेयर वर्ष 2015 से दिए जाएंगे। कंपनी की वेबसाइट पर प्रकाशित साक्षात्कार में नडेला ने कहा कि उन्होंने इस सवाल पर गहराई से विचार किया था कि उन्हें सीईओ पद की जिम्मेदारी क्यों संभालनी चाहिए। उनका जवाब यही था कि इस पद पर वह प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं।
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माइक्रोसॉफ्ट के ग्राहकों और साझेदारों के साथ संक्षिप्त बातचीत में नडेला ने कहा कि वह कंपनी में नवाचारों पर ध्यान केंद्रित रखना जारी रखेंगे। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों के सतत विकास से यह निर्धारित होगा कि चीजें आगे क्या रूप लेंगी।
अमेरिकी मीडिया में स्वागत :
अमेरिकी मीडिया ने दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी का सीईओ नडेला को बनाए जाने की घोषणा का जोरदार स्वागत किया है। द टाइम मैग्जीन ने लिखा कि नडेला इस पद के लिए चुने जाएंगे इसकी इतनी उम्मीद नहीं थी लेकिन यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब प्रवासी भारतीय भारत वापस लौट रहे हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से बदलाव के कारण काफी अवसर उपलब्ध हुए हैं। द वाशिंगटन पोस्ट ने कहा कि सीईओ पद के लिए उम्मीदवार की खोज का काम काफी लंबा चला और मोटे तौर पर बाहरी उम्मीदवारों पर केंद्रित था। लेकिन नेडला अपने अनुभव के कारण पहली पसंद बनकर उभरे।
चिदंबरम ने सराहा :
वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शीर्ष पद पर नडेला की इस नियुक्ति को भारतीय छात्रों के सामर्थ्य का प्रतिबिंब बताया है। नई दिल्ली में श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) के छात्रों के साथ एक परिचर्चा में उन्होंने कहा कि भारतीय छात्र अमेरिकी या चीनी छात्रों के समान ही सक्षम हैं। वरना आप 46 वर्षीय भारतीय को माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ पद पर नहीं देखते।