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मध्यमवर्ग, व्यापारियों और उद्योग जगत को बड़ी राहत, 88 वस्तुओं-सेवाओं पर घटा जीएसटी

जीएसटी काउंसिल ने कई अन्य वस्तुओं और सेवाओं को 28 फीसद वाले स्लैब से हटाकर 12 और 18 फीसद वाले स्लैब में डाल दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 07:09 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 09:14 PM (IST)
मध्यमवर्ग, व्यापारियों और उद्योग जगत को बड़ी राहत, 88 वस्तुओं-सेवाओं पर घटा जीएसटी
मध्यमवर्ग, व्यापारियों और उद्योग जगत को बड़ी राहत, 88 वस्तुओं-सेवाओं पर घटा जीएसटी

हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बड़ी जीत के दूसरे ही दिन सरकार ने मध्यमवर्गीय परिवारों, छोटे व मझोले व्यापारियों और उद्योग जगत को बड़ी राहत दी। शनिवार को कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल ने 88 वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दरें घटा दी। इस कदम से सरकार के खजाने पर सालाना लगभग सात हजार करोड़ रुपये का भार आएगा। काउंसिल के इस कदम से टीवी, फ्रिज और वाशिंग मशीन जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल आइटम तथा सेनेटरी नैपकिन, एक हजार रुपये तक के जूते-चप्पल व पेंट सहित दर्जनों उत्पाद सस्ते हो जाएंगे।

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वहीं रिटर्न की प्रक्रिया सरल बनाते हुए सालाना पांच करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को अब हर महीने जीएसटी रिटर्न भरने की जगह तीन महीने में एक बार रिटर्न भरने की सुविधा देने का फैसला किया गया है, जिससे 93 प्रतिशत व्यापारियों को फायदा होगा। साथ ही जीएसटी कानून के तहत 'रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म' के विवादित प्रावधान का क्रियान्वयन भी 30 सितंबर 2019 तक टालने का निर्णय किया गया है।

फैसलों की जानकारी देते हुए गोयल ने कहा कि देशहित और जनहित को सर्वोपरि रखते हुए सभी राज्यों की सहमति से ये निर्णय हुए हैं। इससे मध्यम वर्गीय परिवारों और छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी। अगले सात-आठ महीने में आम चुनाव है और इस लिहाज से वर्तमान राजग सरकार अब कोई पूर्ण बजट पेश नहीं करेगी। ऐसे में काउंसिल का यह कदम अहम है। फ्रिज, 68 सेमी से छोटे आकार वाले टीवी, वाशिंग मशीन समेत कई वस्तुओं पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है। वहीं राखी, झाडू, सेनिटरी नैपकिन, पत्थर, मार्बल व लकड़ी से बनी मूर्तियों पर जीएसटी की दर घटाकर शून्य कर दी गयी है।

किसानों को राहत देते हुए खाद में इस्तेमाल होने वाले फॉस्फेरिक एसिड पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। एथनॉल पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है। इससे संकट में चल रहे चीनी उद्योग और गन्ना किसानों को राहत मिलेगी। हालांकि चीनी पर सैस लगाने और डिजिटल पेमेंट पर जीएसटी में छूट देने पर काउंसिल ने कोई फैसला नहीं किया। इसके अलावा कई हस्तशिल्प उत्पादों पर भी जीएसटी में राहत दी गयी है।

अचानक जीएसटी घटाकर चौंकाया

सूत्रों के मुताबिक टीवी, फ्रिज और वाशिंग मशीन जैसी जिन वस्तुओं पर जीएसटी की दर घटाई गई है, वह काउंसिल के एजेंडा में पहले से शामिल नहीं थीं। यह बैठक के दिन ही टेबल एजेंडा के रूप में विचार के लिए लाई गई। बताया जाता है कि अधिकारियों ने जब गोयल से कहा कि जीएसटी रेट कम करने के सुझाव व प्रस्ताव पर पहले फिटमेंट कमिटी के पास विचार के लिए भेजा जाना चाहिए तो उन्होंने साफ कहा कि सभी राज्य यहां मौजूद हैं और अगर किसी को कोई आपत्ति है तो यहां व्यक्त कर सकता है।

बताया जाता है कि एक हजार रुपये तक के जूते पर भी जीएसटी की दर घटाने का निर्णय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आग्रह पर किया गया। छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए जीएसटी काउंसिल ने यह निर्णय किया है कि जिन कारोबारियों का सालाना टर्नओवर पांच करोड़ रुपये से कम है, उन्हें मासिक रिटर्न की जगह तिमाही रिटर्न भरना होगा। इससे जीएसटी में पंजीकृत 93 प्रतिशत कारोबारियों को लाभ मिलेगा।

हालांकि यह सुविधा लेने वाले व्यापारियों को जीएसटी हर माह जमा करना होगा। इसके अलावा काउंसिल ने कंपोजीशन स्कीम की सीमा सालाना टर्नओवर एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये करने का निर्णय किया। साथ ही कंपोजीशन स्कीम के डीलरों को उनके टर्नओवर का 10 प्रतिशत या अधिकतम पांच लाख रुपये तक सेवाओं की आपूर्ति की छूट भी देने का निर्णय किया गया।

सात पर्वतीय राज्यों में बढ़ाई जीएसटी से छूट की सीमाजीएसटी काउंसिल ने असम, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, सिक्किम और उत्तराखंड में जीएसटी में पंजीकरण के लिए 10 लाख रुपये सालाना टर्नओवर की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का भी निर्णय लिया। कारोबारियों के लिए दूसरी बड़ी राहत यह है कि अब वे एक ही प्रदेश में कई जगह पंजीकरण करा सकेंगे।जीएसटी काउंसिल ने सीजीएसटी एक्ट, आइजीएसटी एक्ट, यूजीएसटी एक्ट और जीएसटी क्षतिपूर्ति एक्ट में प्रस्तावित संशोधन के मसौदे को भी मंजूरी दी। 

ऐसे बदला जीएसटी 

इनसे जीएसटी हटा

स्टोन, मार्बल और लकड़ी के देवी-देवताओं की मूर्तियां, राखियां, सेनीटरी नेपकिन, फूल वाली झाडू़, खाली दोना, भारत सरकार द्वारा जारी होने वाले सिक्के

28 से 18 फीसद

वाशिंग मशीन, फ्रिज, फ्रीजर, वॉटर कूलर, आइसक्रीम फ्रीजर, दूध के चिलिंग प्लांट, लेदर इंडस्ट्री से जुड़े रेफ्रिजरेटर उपकरण, पेंट, वार्निश, पुट्टी, रेसिन सीमेंट, लिथियम बैटरी, वैक्यूम क्लीनर, सेंट स्प्रे, टायलेट स्प्रे, घरेलू इलेक्टि्रक उत्पाद (मिक्सर ग्राइंडर, जूस निकालने वाली मशीन), हेयर क्लिपर, शेवर, इमर्सन हीटर, स्टोरेज वॉटर हीटर, हैंड ड्रायर, इलेक्टि्रक आयरन, 68 सेंटीमीटर तक के टीवी, क्रेन, लॉरी, आग से बचाव के वाहन, कंक्रीट मिक्सर लॉरी, स्प्रेयिंग लॉरी, ट्रेलर और सेमी ट्रेलर। 

18 से 12 फीसद 

बांस से बनी फर्श, पीतल वाला केरोसिन स्टोव, हाथ से चलने वाला रबर रोलर, जिपर, हस्तशिल्प के सामान मसलन पर्स, हैंडबैग और ज्वैलरी बाक्स, पेंटिंग वाले लकड़ी के फ्रेम, फोटोग्राफ, शीशे, स्टोन आर्ट, पीतल, लोहे, तांबे और एल्यूमिनियम से बनीं कलाकृतियां, हैंडीक्राफ्ट लैंप, मोम, स्टियरिन, प्राकृतिक गोंद वगैरह से बने उत्पाद। 

18 से 5 फीसद 

1000 रुपये तक के फुटवियर (इससे ऊपर के फुटवियर पर 18 फीसद), तेल में मिलाने के लिए बिकने वाले एथनॉल, सॉलिड बॉयो फ्यूल और हैंडीक्राफ्ट पर। 

12 से पांच फीसद

मखमल के कपड़े, हैंडलूम दरी, फर्टिलाइजर में प्रयोग होने वाला फास्फोरिक एसिड, बुनी हुई कैप और एक हजार रुपये से कम कीमत की टोपी, हाथ से बने कालीन, फीते और वे कपड़े, जिन पर चित्र बने हों


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