किसान कर्ज माफी योजना में गड़बड़ी स्वाभाविक
पिछले लोकसभा चुनाव से पहले संप्रग सरकार की तरफ से लाई गई किसानों की कर्ज माफी योजना में गड़बड़ी की गुंजाइश थी। योजना के अमल की जांच-पड़ताल के बाद 230 करोड़ रुपये की हेराफेरी की बात सामने आने पर सरकार ने खुद इस सच्चाई को स्वीकारा है। मगरवित्त मंत्री पी. चिदंबरम की नजर में 230 करोड़ रुपये की हेरा
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पिछले लोकसभा चुनाव से पहले संप्रग सरकार की तरफ से लाई गई किसानों की कर्ज माफी योजना में गड़बड़ी की गुंजाइश थी। योजना के अमल की जांच-पड़ताल के बाद 230 करोड़ रुपये की हेराफेरी की बात सामने आने पर सरकार ने खुद इस सच्चाई को स्वीकारा है। मगरवित्त मंत्री पी. चिदंबरम की नजर में 230 करोड़ रुपये की हेराफेरी मामूली है।
पढ़ें: कर्ज माफी घोटाला: दोषियों को पकड़ नहीं पा रहे बैंक
राज्यसभा में मंगलवार को सपा के नरेश अग्रवाल के सवाल के बाद एक पूरक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि किसानों की कर्ज माफी योजना में गड़बड़ियों को लेकर तीन करोड़ से अधिक खातों का सत्यापन किया गया है। उसमें अब तक 230 करोड़ रुपये की गड़बड़ियों का पता चला है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। बैंकों से कार्रवाई करने को कहा गया है। हालाकि, यह बहुत मामूली गलती है। इतने बड़े पैमाने पर योजना लागू होने पर उसमें कुछ लोगों का छूट जाना या शामिल हो जाने जैसी गलती होना स्वाभाविक है।
वित्त मंत्री कहा कि रिजर्व बैंक और नाबार्ड ने कर्ज माफी से जुड़े खातों का बड़े पैमाने पर सत्यापन किया है। काम अभी जारी है। रिजर्व बैंक को 1.85 करोड़ लाभार्थियों के खातों का सत्यापन करना था, जिसमें से वह 1.76 करोड़ का सत्यापन कर चुका है। केंद्रीय बैंक को 56,322 मामलों में 98.97 करोड़ रुपये की गड़बड़ी मिली है। जबकि नाबार्ड ने दो करोड़ 80 लाख खातों में 131.70 करोड़ की वित्तीय अनियमितता पाई है।